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गांजा तस्करी में जीआरपीएफ जवान शामिल…छानबीन में चार आरक्षक निकले गांजा तस्कर…क्राइम ब्रांच के रडार में कई कॉन्स्टेबल…अब डाला जा रहा पर्दा
गांजा पकड़ने में शामिल चार आरक्षक निकले तस्कर
बिलासपुर—जीआरपीएफ के दर्जनों आरक्षक और स्टारधारी अधिकारियों का नाम गांजा तस्करी में सामने आ रहा है। क्राईम ब्रांच के छानबीन में जीआरपीएफ के जवानों का नाम गांजा तस्करी में आने के बाद जिला पुलिस सकते में है। साथ ही विभाग में हलचल मच गया है। साइबर पुलिस के अनुसार जांच पड़ताल के दौरान गांजा तस्करों ने जीआरपीएफ के चार आरक्षकों का नाम लिया है।
पुलिस सूत्र के अनुसार गांजा तस्करी में पुलिस के बड़े अधिकारियों का नाम सामने आ रहा है। क्राइम ब्रांच की छानबीन में पुलिस विभाग कर्मचारियों कानाम सामने आने के बाद सनसनी फैल गयी है। बहरहाल पुलिस ने अधिकारिक रूप से किसी का नाम नहीं बताया है। और ना ही गांजा तस्करी के दौरान की कार्रवाई के बारे में ही जिक्र किया है। बावजूद इसके सूत्रों की माने तो बिलासपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षकों की मिलीभगत से गांजा तस्कर अपने मंसूबों को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि तस्करों से गांजा जब्त करने के बाद पुलिस महकमे के कुछ लोग नशे का कारोबार करने वालों के पास गांजा सप्लाई करते हैं।
गांजा तस्करी रोकने बनी टीम
जानकारी देते चलें कि ट्रेनों में गांजा तस्करी रोकने के लिए क्राइम ब्रांच की तर्ज पर रेलवे सुरक्षा बल ने GRP में एंटी क्राइम टीम का गठन किया है। टीम में बिलासपुर GRP के चार आरक्षक संतोष राठौर, लक्ष्मण गाइन, सौरभ नागवंशी और मन्नू प्रजापति भी शामिल हैं। इसके अलावा इंद्रजीत बघेल और राजा दुबे भी टीम का सदस्य है।
गांजा तस्करों से मिली भगत की जानकारी के बाद सिस्टम ने राजा दुबे और प्रधान आरक्षक इंद्रजीत बघेल का ट्रांसफर कर दिया। इस दौरान आईजी को जानकारी मिली कि बड़े अफसरों के संरक्षण में जीआरपी के एंटी क्राइम टीम के आरक्षक गांजा की अफरातफरी कर रहे हैं।
कप्तान ने चलाया पड़ताल अभियान
जानकारी के बाद आईजी ने पुलिस मुख्यालय को अवगत कराया। पुलिस कप्तान के आदेश पर जांच पड़ताल अभियान चलाया गया। जांच के दौरान जानकारी मिली कि बीते 24 अक्टूबर को जीआरपी ने गांजा का बड़ा खेप पकड़ा। साथ में मध्यप्रदेश के जबलपुर और उत्तर प्रदेश के बांदा जिला निवासियों को गिरफ्तार किया। टीम ने दोनो युवकों से अलग अलग 10-10 किलोग्राम गांजा कब्जे में लिया। बाकी बरामद गांजा को जीआरपी की टीम ने अन्य तस्करों से मिलीभगत कर अघोषित गांजा को ठिकाने लगाया।
बहरहाल जानकारी के बाद चारो आरक्षकों को पकड़ लिया गया है। हालांकि मामले में पुलिस की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही सस्पेन्स पर्दा उठाया जाएगा।
पुराने डिफाल्टरों से पूछताछ
जानकारी के अनुसार खुलासा करने से पहले बिलासपुर पुलिस ने पकड़े गए आरक्षकों की पुराने रिकार्ड को तलाश रही है। साथ ही जीआरपी एन्टीक्राइम आरक्षकों और अधिकारियों का रिकार्ड को खंगाला जा रहा है। सूत्र की माने तो पुलिस को कोरबा समेत अन्य जिलों से गांजा और मादक पदार्थों की अफरा-तफरी करने वालों का पता चला है। बताया जा रहा है कि कुछ ऐसे आरक्षकों का पता चला है जिनका गांजा तस्करी से चोली दामन का रिश्ता है। पुलिस ने सभी को पकड़कर जेल दाखिल कराया है। साथ ही बदनामी के भय से पर्दा डालने का प्रयास भी किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी को जानकारी नहीं
सूत्र ने बताया कि एसीसीयू टीम के नोडल को मामले की जानकारी नहीं है। रेंज साइबर थाना और एंटी साइबर एंड क्राइम यूनिट के नोडल अधिकारी अनुज कुमार ने संपर्क करने पर किसी भी कार्रवाई या जानकारी होने से इंकार कर दिया। उन्होने इस बात से भी अनभिज्ञता जाहिर किया कि टीम के आरक्षकों से सिविल लाइन में पूछताछ चल रही है।
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