Chhattisgarh

Hareli 2024- देखे तस्वीरे, हरेली तिहार मनाने सज गया मुख्यमंत्री निवास

रहचुली झूला, गेड़ी और साजसज्जा वाली बैलगाड़ियों से दिख रही रौनक

Hareli 2024-हरेली तिहार की तैयारियों के लिए सजा मुख्यमंत्री निवास एक छोटे से गांव के रूप में नजर आ रहा है जहां हर तरफ हरेली की धूम है। मुख्यमंत्री निवास एक ग्रामीण मड़ई मेला की तरह सुंदर साजसज्जा में नजर आ रहा है। रहचुली झूला, गेड़ी और सुंदर बैलगाड़ियों से पूरा परिसर हरेली की रौनक से दमक रहा है।

Hareli 2024-कल मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय हरेली के अवसर पर परंपरागत तरीके से पूजा करेंगे। हरेली के मौके पर पशुधन की पूजा की जाती है। खेती किसानी की शुरूआत में मनाया जाने वाला यह पर्व धरती के प्रति हमारी कृतज्ञता को व्यक्त करता है और इस भावना के अनुरूप मुख्यमंत्री पूजा के पश्चात किसान भाइयों को आधुनिक कृषि उपकरणों का वितरण भी करेंगे। समय बदलता है लेकिन छत्तीसगढ़ अपनी परंपराएं नहीं छोड़ता।

Hareli 2024-हवाई झूलों के दौर में भी रहचुली झूला की परंपरा छत्तीसगढ़ के लोग याद रखते हैं जो उन्हें अपने ग्रामीण अंचल और पुरखों से जोड़ती है। हरेली के पावन अवसर पर रहचुली झूले पर चढ़ते हैं और याद करते हैं कि मनोरंजन के माध्यम बदले हैं मनोरंजन नहीं बदला है। इस अवसर पर अतिथिगण रहचुली के उत्साह को फिर से याद करेंगे। गेड़ी के उत्साह को याद करेंगे। सीसी रोड से पहले के दिनों में जब ग्रामीण सड़कें मानसून की उफान में कीचड़ में तब्दील हो जाती थीं तब गेड़ी सबसे सुरक्षित जरिया होता था ताकि कीचड़ से बच सकें। साथ ही हरेली के मौके पर बारंबार गेड़ी चढ़कर सावन मास के उत्साह को जाहिर किया जाता था। हरेली के मौके पर बैल भी सजते हैं और बैलगाड़ी भी सजती है।

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Hareli 2024- अपने पशुधन के सम्मान के लिए, उनकी पूजा के लिए यह बड़ा पर्व होता है। खेती किसानी की तैयारियों के बीच धरती माता के अभिवादन का यह त्योहार है और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने परिवार सहित परंपरागत तरीके से हरेली की पूजा करेंगे। हरेली के मौके पर ग्रामीण खेल भी यादगार होते हैं। गेड़ी दौड़ जैसी कई प्रतिस्पर्धाएं होती हैं। परंपरागत छत्तीसगढ़ी खेलों का जादू इस दिन उफान पर होता है। मुख्यमंत्री निवास में भी इसकी पूरी तैयारी की गई है।

Hareli 2024-  पिट्ठूल, भौरा जैसे खेल विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे। साथ ही परंपरागत छत्तीसगढ़ी पकवान चीला, खुरमी, ठेठरी, अइरसा आदि का भी आनंद लेंगे। इस मौके पर सबसे खास लोक संस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन है। राऊत नाचा, करमा नृत्य आदि छत्तीसगढ़ के परंपरागत नृत्यों का आयोजन होगा। इस अवसर पर विविध लोकगीतों की प्रस्तुति भी होगी। छत्तीसगढ़ में हरेली हर जगह अपनी विशिष्ट सुंदरता और विशिष्ट रूपों तथा तरीकों से मनाई जाती है। प्रदेश का हर अंचल अपनी सांस्कृतिक सुंदरता के साथ अपने को व्यक्त करता है।

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हरेली के अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों में इनकी भी प्रस्तुति होगी। हरेली त्योहार प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का त्योहार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान देश की जनता से किया है। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हरेली के दिन एक पेड़ मां के नाम लगाने का आह्वान किया है ताकि अपनी जननी और जन्मभूमि दोनों के प्रति प्रदेश के सभी नागरिक अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकें।

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CGWALL NEWS

पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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