मंत्री अजय चँद्राकर ने रखा अपने विभाग का ब्यौरा – स्वास्थ बीमा में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल

Chief Editor
14 Min Read

7C53BB4EA7324C1B610E99F200488665रायपुर।छत्तीसगढ़ के पंचायत और ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अजय चंद्राकर ने आज कहा कि जिस प्रकार स्वच्छ भारत मिशन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश में एक ब्राण्ड एम्बेसडर के रूप में पहचान और प्रतिष्ठा मिली है, उसी तरह छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता बढ़ाने की दृष्टि से राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।न्यू सर्किट हाउस में स्थानीय पत्रकारों से चर्चा करते हुए  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने कहा प्रदेश के मुखिया ने समय-समय पर अपने परिवार के सदस्यों का इलाज राजधानी रायपुर के शासकीय मेडिकल कालेज से सम्बद्ध अंबेडकर अस्पताल में करवाया है।चंद्राकर ने कहा मैं तो कहूंगा कि सरकारी अस्पतालों की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्वयं एक ब्रांड एम्बेसडर बन गए हैं। कई अवसरों पर मुख्यमंत्री स्वयं कह चुके है कि छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पताल प्रायवेट अस्पतालों के मुकाबले मरीजों को बेहतर सेवाएं दे रहे हैं।चंद्राकर ने कहा-मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प हो रहा है। उन्होंने अपने विभागों के 14 वर्षों की योजनाओं और उपलब्धियों का विस्तार से विवरण दिया।परिवार कल्याण मंत्री के साथ पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आर.पी. मंडल और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू सहित दोनों विभागों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

Join Our WhatsApp Group Join Now

स्वास्थ्य बीमा कव्हरेज में राष्ट्रीय स्तर पर
छत्तीसगढ़ बना नम्बर वन

श्री चंद्राकर ने मीडिया प्रतिनिधियों को बताया- स्वास्थ्य बीमा योजना में 55 लाख 62 हजार परिवारों को स्मार्ट कार्ड देकर छत्तीसगढ़ ने इस बीमा कव्हरेज में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान हासिल किया है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के जरिए अब स्मार्ट कार्ड पर सालाना निःशुल्क इलाज की राशि इस वर्ष अक्टूबर से 30 हजार रूपए से बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दी गई है। देश के कई राज्यों ने छत्तीसगढ़ की इस योजना में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। स्वयं केन्द्र सरकार ने भी 50 हजार रूपए तक स्वास्थ्य बीमा की हमारी इस नई पहल की सराहना करते हुए इस योजना में छत्तीसगढ़ को मॉडल स्टेट माना है। राज्य शासन द्वारा इस बीमा योजना में प्रारंभ से अब तक 9 लाख 47 हजार मरीजों को 430 करोड़ रूपए की चिकित्सा सहायता दी जा चुकी है।
सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता में तेजी से हो रहा सुधार
चंद्राकर ने बताया कि प्रदेश सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हो रहा है और वहां डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मचारियों और जरूरी उपकरणों की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवाओं में सुधार करते हुए फैकल्टी की कमी को दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा हमारा लक्ष्य मरीजों को निःशुल्क निदान की सुविधा दिलाने का है, और हम उस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के बजट में 13 गुना वृद्धि
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार को प्रोत्साहित करने के लिए कायाकल्प पुरस्कार योजना भी शुरू की गई है। स्वास्थ्य विभाग का बजट वर्ष 2001-02 की तुलना में आज 13 गुना बढ़ गया है। पिछले साल 2016-17 में 4016 करोड़ 19 लाख का बजट था, जिसमें चालू वर्ष 2017-18 में 9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस वर्ष लगभग 4377 करोड़ का बजट है। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में से सिर्फ  1.15 प्रतिशत व्यय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए होता है, जबकि छत्तीसगढ़ में हम लोग राज्य बजट में से लगभग 5.75 प्रतिशत राशि जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए खर्च कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए 3223 करोड़ 10 लाख रूपए, चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिए 849 करोड़ रूपए, आयुष विभाग के लिए 282 करोड़ रूपए और खाद्य एवं औषधि नियंत्रण कार्यालय के लिए 22 करोड़ 42 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
रायपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का
निर्माण मार्च तक पूर्ण करने का लक्ष्य

श्री चंद्राकर ने एक प्रश्र के उत्तर में बताया कि राजधानी रायपुर में पुराने डीके अस्पताल भवन को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में मार्च 2018 तक विकसित करने का लक्ष्य लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। जगदलपुर में भी पुलिस का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनवाया जा रहा है। सुदूर क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ है। बीजापुर और सुकमा के जिला अस्पतालों में मरीजों के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। राजधानी रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में राज्य शासन द्वारा स्थापित क्षेत्रीय कैंसर अनुसंधान केन्द्र की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पतालों में होने लगी है। अन्य राज्यों के मरीज भी यहां इलाज करवाने आने लगे हैं। उन्होंने बताया कि संभागीय मुख्यालय बिलासपुर के ग्राम सेंदरी में मानसिक चिकित्सालय की शुरूआत कर दी गई है, जिसे राज्य सरकार सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित कर रही है।
 पुराने स्वास्थ्य बीमा कार्ड स्वयं अपग्रेड हो जाएंगे
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य सरकार ने स्मार्ट कार्डों पर 30 हजार रूपए की सालाना चिकित्सा सुविधा को बढ़ाकर 50 हजार रूपए कर दिया है। जिन स्मार्ट कार्डों में 30 हजार रूपए का प्रावधान था, अब ऐसे कार्ड स्वयं अपग्रेेड हो गए हैं और कार्डधारक को 50 हजार रूपए तक प्रतिवर्ष अपने परिवार के इलाज की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा जो नए स्मार्ट कार्ड बनवाए जाएंगे उनमें भी 50 हजार की पात्रता रहेगी। क्षतिग्रस्त स्मार्ट कार्डों को भी सुधरवाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि विगत 14 साल में प्रदेश में जिला अस्पतालों की संख्या 16 से बढ़कर 26, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 114 से बढ़कर 169, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 513 से बढ़कर 793 और उपस्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या 3818 से बढ़कर 5186 हो गई है। मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना के तहत 7 हजार बच्चों का निरूशुल्क ऑपरेशन और इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया गया है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में वर्ष 2001-02 में सिर्फ 7 ब्लड बैंक थे, डा. रमन सिंह की सरकार ने इस पर गंभीरता से ध्यान दिया और आज की स्थिति में ब्लड बैंकों की संख्या 72 और ब्लड स्टोरेज केन्द्रों की संख्या 68 हो गई है। संजीवनी कोष योजना में वर्ष 2004 में सिर्फ 5 करोड़ का बजट प्रावधान था, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 40 करोड़ हो गया है। पहले इस योजना में सिर्फ 13 गंभीर बीमारियों से पीडि़त मरीजों को सहायता दी जाती थी, लेकिन अब 30 बीमारियों को इसमें शामिल कर लिया गया है। अब तक इस योजना में 22 हजार से ज्यादा मरीजों को लाभान्वित किया गया है।
पंचायत राज संस्थाओं को मजबूत बनाने कई ऐतिहासिक कदम
श्री चंद्राकर ने कहा-मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विगत 14 साल में ेपंचायतराज संस्थाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिनकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। उदाहरण देते हुए श्री चंद्राकर ने बताया कि पंचायतराज कानून में महत्वपूर्ण सुधार करते हुए स्वच्छता का विषय भी पंचायत प्रतिनिधियों की योग्यता में शामिल किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि राज्य सरकार ने कानून में यह भी प्रावधान किया है कि पंचायत चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशी का कहीं कोई अतिक्रमण भी नहीं रहना चाहिए। पहले उनकी शैक्षणिक योग्यता केवल साक्षरता को माना जाता था, जबकि अब पांचवी, आठवीं और बारहवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य माना गया है। इसी तरह छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। इसका उत्साहजनक नतीजा यह मिला है कि इन संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण के विरुद्ध 55 प्रतिशत महिलाओं को जनता ने पंचायतों की कमान सौंपी है। यह अपने आप में महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण है।
हर ग्राम पंचायत में जरूरतमंदों के लिए
एक क्विंटल चावल का रिजर्व स्टाक

श्री चंद्राकर ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में जरूरतमंद ग्रामीणों को भूख से बचाने के लिए एक-एक क्विंटल चावल का स्टाक रिजर्व रखने का  भी प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि दो हजार से अधिक आबादी वाले गांवों के आंतरिक विद्युतीकरण और वहां पांच एकड़ से ज्यादा जमीन उपलब्ध होने पर स्टेडियम निर्माण जैसे प्रावधान भी पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए गए हैं।
राज्य में स्वच्छता कव्हरेज बढ़कर 98 प्रतिशत
पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री चंद्राकर ने यह भी बताया कि इस विभाग का बजट वर्ष 2017-18 में बढ़कर 9 हजार 472 करोड़ रूपए हो गया है। राज्य में स्वच्छता का प्रतिशत पहले केवल 42 था, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के तीन वर्ष के भीतर हमारे यहां स्वच्छता का कव्हरेज 98 प्रतिशत हो गया है। इस मिशन के तहत प्रधानमंत्री ने संपूर्ण भारत को गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौच मुक्त घोषित करने का लक्ष्य दिया है। लेकिन छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के नेतृत्व में जिस तेजी से काम हो रहा है और जनता का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है, उसे देखते हुए हम लोग निर्धारित लक्ष्य से लगभग डेढ़ साल पहले ही राज्य का लक्ष्य पूर्ण कर लेंगे, ऐसा मुझे विश्वास है। उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन केवल शौचालय बनाने का मिशन नहीं है बल्कि इसके साथ ही यह लोगों की मानसिकता में बदलाव लाने का भी एक बड़ा आंदोलन है।अजय ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत राज्य में 10 लाख मकान बनाने का लक्ष्य है, योजना के प्रथम वर्ष में ही 1.50 लाख परिवार गृहप्रवेश कर चुके हैं।
हमर छत्तीसगढ़: अब तक 1.10 लाख से ज्यादा
पंचायत प्रतिनिधियों ने किया रायपुर-नया रायपुर का दौरा

उन्होंने बताया कि हमर छत्तीसगढ़ योजना भी राज्य सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई अपनी तरह की पहली योजना है और देश की इकलौती योजना है। इस योजना के तहत अब तक 1 लाख 10 हजार से ज्यादा पंच-सरपंच, नगर पंचायत प्रतिनिधि और सहकारिता क्षेत्र के प्रतिनिधि रायपुर और नया रायपुर का अध्ययन दौरा कर चुके हैं। इनमें से कई लोगों ने पहली बार विधानसभा और विमानतल को देखा। ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को राज्य सरकार की प्रदेशस्तरीय संस्थाओं का अवलोकन कराना और विकास के प्रति उनके      दृष्टिकोण को अधिक से अधिक व्यापक बनाना हमर छत्तीसगढ़ योजना का प्रमुख उद्देश्य है। श्री चंद्राकर ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों में नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में भी तेजी आई है। अब वहां इस योजना के तहत निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदार टेंडर दाखिल करने लगे हैं।
शिक्षाकर्मियों की मांगों पर सरकार खुले दिल से चर्चा को तैयार
पंचायत मंत्री  अजय चंद्राकर ने पंचायत संवर्ग के शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) के आंदोलन के संबंध में कहा कि संविलियन को छोड़कर उनकी हर मांग पर विचार करने के लिए राज्य सरकार खुले दिल से तैयार है। हमारे विभाग के अपर मुख्य सचिव  आर.पी. मंडल ने कल स्वयं उनके प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। संभवतः मैं भी कल उनसे बातचीत करूंगा। श्री चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने समय-समय पर बड़ी उदारता के साथ शिक्षाकर्मियों की वित्तीय मांगों को पूरा किया है। उन्हें सरकारी शिक्षकों के समतुल्य वेतनमान भी दिया जा रहा है।

close