नारायणपुर के अंदरूनी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य योजनाएं बना रही हैं पहुंच,सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वास्थ्य योजनाओं को किया शुरू

Shri Mi
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नारायणपुर-राज्य शासन की मंशा प्रदेश के सभी क्षेत्रों में खासकर अंदरूनी और आदिवासी बाहुल्य ईलाकांे में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराना है। नारायणपुर जिले की विषम भौगोलिक परिस्थिति एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के के कारण इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि अंदरूनी क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। प्रदेश सरकार ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं-कार्यक्रमों की शुरूआत की है। इन योजनाओं में डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य कार्यक्रम, मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना, जननी सुरक्षा योजना, परिवार कल्याण, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान आदि शामिल है। जिला प्रशासन भी जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सजग एवं संवेदनशील है।

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जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने एवं अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए योजना तैयार कर, स्वास्थ्य संबंधी कार्य को प्राथमिकता से किया जा रहा है।  जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अमला अबूझमाड़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए संकल्पित है। स्वास्थ्य विभाग की टीम नारायणपुर जिले के अबूझ कहे जाने वाले ओरछा विकासखंड (अबूझमाड़) के धुर नक्सल प्रभावित, घने जंगलों एवं पहाड़ों को पगडंडियों के सहारे दूसरे जिले की सीमाओं को पार करते हुए गांव हांदावाड़ा सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों में पहुंचकर वहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करा रही है।

जिले में स्वास्थ्य गत सुविधायें उपलब्ध कराने की दृष्टि से जिले में एक जिला अस्पताल, एक सामुदायिक स्वाास्थ्य केन्द्र, 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 64 उप स्वास्थ्य केन्द्र और 28 हेल्थ वेलनेस सेंटर बनाये गय हैं। मातृत्व स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए जिले के दोनों विकासखंडों नारायणपुर और ओरछा में कुल 3485 का लक्ष्य रखा गया था। जिसे अक्टूबर 2020 कुल 1521 प्राप्त कर लिया गया। जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिनें लोगों को संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक व प्रेरित कर रही है। जिले में संस्थागत प्रसव एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए कुल 3010 का लक्ष्य रखा गया था। जिसके एवज में माह अक्टूबर 2020 तक 1756 प्राप्त कर लिया गया था।

इसके अलावा टीकाकरण हेतु जिले में 3068 का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अक्टूबर 2020 तक 1790 का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया। इसी प्रकार राष्ट्रीय माानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत नारायणपुर जिले को 1908 का लक्ष्य प्राप्त हुआ था, जिसके एवज में अक्टूबर तक 811 की पूर्ति की जा चुकी है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम में शामिल मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के प्रथम चरण में जिले के कुल 173991 लोगों की मलेरिया जांच की गयी, जिसमें से 11551 लोग पॉजिटिव पाये गये। इसी प्रकार द्वितीय चरण में 160783 लोगों की जांच की गयी, जिसमें 6445 लोग पॉजिटिव मिले। क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत प्राप्त 300 के लक्ष्य प्राप्त हुए था। जिसमें से 213 उपलब्धि हासिल हुई। 

जिले के कुपोषित बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए शासन द्वारा जिले में 5 पोषण पुर्नवास केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। जिला अस्पताल में संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ओरछा, रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा संचालित पोषण पुर्नवास केन्द्र कुंदला, आोरछा और आकाबेड़ा में कुल 520 बच्चों को भर्ती किया गया। माह अक्टूबर 2020 तक 508 बच्चे कुपोषित से सुपोषित होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के तहत् जिले के नारायणपुर और ओरछा विकासखंड में 14 अक्टूबर 2020 तक कुल 31308 घरों का सर्वे किया गया। जिसमें लक्षण सहित पाए एक व्यक्तियों की संख्या 1289, उच्च जोखिम में पाए गए व्यक्तियों की संख्या 304, एजी टेस्ट किये गये व्यक्तियों की संख्या 944, एजी टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये व्यक्तियों की संख्या 49, निगेटिव पाए एक व्यक्तियों जिनका आरटीपीसीआर लिया गया उनकी संख्या 348 आौर आरटीपीसीआर में पॉजिटिव पाये गए व्यक्तियों की संख्या 20 है। 

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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