प्रशासन पर भारी जमीन चोर.नोटिस का डर.ना कानून का भय..धड़ल्ले से हो रहा करोड़ों की सरकारी जमीन पर निर्माण

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— निगम के सख्त रूख और राजस्व अमले की सतर्कता के बीच भी जमीन चोरों की सेहत पर कोई असर होता नहीं दिखाई दे रहा है।  जैसे जमीन माफिया कल सक्रिय थे। आज भी सक्रिय हैं। मतलब फील्ड कर्मचारियों के शह पर जमीन चोरों का बाजार जमकर फल फूल रहा है।  शहर की सरकारी जमीनों पर बदस्तूर कब्जा के साथ निर्माण कार्य चल रहा है। और अधिकारी इस मुगालते में है कि जमीन माफियों की कमर तोड़ रहे हैं। जबकि नोटिस कार्रवाई के बाद भी रसूखदार जमीन चोर का आज भी सरकारी जमीन पर कब्जा ना केवल बरकरार है। बल्कि निर्माण भी धड़ल्ले से चल रहा है। कुल मिलाकर जमीन चोरों को ना तो कानून का भय है..और ना ही नोटिस का डर है।     

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                ऐसा सोचना की कानून सबके लिए बराबर है..तो लोगों को जल्द से जल्द सोच को बदल लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो बहतराई स्थित सरकारी जमीन पर काबिज रसूखदार जमीन चोर का उदाहरण सुनकर लोगों को अपनी सोच बदलने में मजबूर होना पडेगा।

                       बहतराई के स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले हम लोगों के घरों और झोपड़ियों को बेजाकब्जा बताकर निगम ने जेसीबी लगाकर तोड़ दिया। इस दौरान कुछ रसूखदारों की बाउन्ड्री को गिराया गया। और उन्हें नोटिस थमाकर निर्माण को बन्द करने के साथ खुद से तोड़ने को कहा गया। बाद में समझ में आया कि रसूखदार जमीन चोरों की तोड़ी गयी बाउन्ड्री और नोटिस की कार्रवाई केवल दिखावा मात्र था। क्योंकि नोटिस मिलने के बाद भी ना तो निर्माण कार्य ही बन्द हुआ और ना ही निगम की दुबारा कार्रवाई ही शुरू हुई।

        बताते चलें कि कुछ सप्ताह पहले बहतराई में निगम प्रशासन ने सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को हटाने जेसीबी की कार्रवाई की। इस दौरान सैकडों परिवार के घरों को तोड़ा गया। साथ ही कुछ लोगों को नोटिस थमाकर सरकारी जमीन छोड़ने का आदेश दिया गया। यद्यपि तोड़फोड़ के दौरान जमकर विरोध हुआ। लेकिन बाद में सब मिलीभगत होने की कार्रवाई सामने आयी। 

                  लोगों ने बताया कि तोड़फोड़ कार्रवाई करने वाले ज्यादातर कर्मचारी स्थानीय रसूखदार जमीन चोर के दोस्त हैं। यही कारण है कि खसरा नम्बर 309/1 हो रहे निर्माण कार्य को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। केवल नोटिस देकर कब्जा से हटने को कहा गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि निगम अधिकारियों को यह भी जानकारी है कि 297/1 पर किया गया निर्माण कार्य भी अवैध है। बावजूद एसके निगम ने कोई नोटिस जारी नहीं किया। जाहिर सी बात है कि 297/1 पर बनाए गए निर्माण कार्य पर जेसीबी का चलना नामुमकिन है। 

                 बताते चलें कि स्थानीय पटवारी ने दोनों ही निर्माण कार्य को लेकर प्रशासन को प्रतिवेदन दिया है। पटवारी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि 309/1 और 297/1 सरकारी जमीन है। रसूखदार सरकारी जमीन चोर ने सरकार की सम्पत्ति पर बलात कब्जा किया है। कब्जा की गयी गयी जमीन करोड़ों रूपए में है। 

          मामले की जानकारी के बाद निगम आयुक्त ने सीजी वाल को बताया कि मामले में जांच करेंगे। साथ ही पटवारी रिपोर्ट को भी देखेंगे। पता लगाएंगे की आखिर इन दोनों अवैध कब्जा करने के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। 

  विधायक दीवान का आदर्श ग्राम

               बताते चलें कि तात्कालीन बेलतरा विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान का आदर्श ग्राम है। लेकिन यहां कभी भी आदर्श जैसा कुछ नहीं किया गया। बल्कि शहर के जमीन चोरों ने अधिकारियों और नेताओं से मिली भगत सरकारी जमीन पर कब्जा जरूर कर लिया है। निश्चित रूप से अब यदि बहतराई को जमीन चोरों का आदर्श ग्राम कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं है।

शायद अधिकारियों को पता नहीं

                  देखने वाली बात होगी कि क्या अब कमिश्नर और राजस्व अमला करोड़ों की जमीन पर काबिज निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करते है। क्योंकि अभी तक स्थानीय लोगों का यही  मानना है कि बड़े अधिकारियों को शायद जानकारी नहीं है कि फील्ड कर्मचारियों ने 309/1 और 297/1 जमीन पर निर्माण कार्य को केवल नोटिस का वाकओव्हर दिया है।

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