बिलासपुर— उच्च न्यायालय ने आईपीएस रजनेश समेत अन्य पुलिस अधिकारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए थाने में दर्ज एफआईआर की कार्रवाई पर रोक लगा दिया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वकील अनिल पिल्लई, अनुपम दुबे और रोहित शर्मा ने पक्ष रखते हुए निचली अदालत के आदेश को खारिज किए जाने की भी मांग की है।
आईपीएस रजनेश सिंह, आईपीएस अरविन्द कुजूर, डीएसपी अशोक जोशी समेत अन्य पुलिस अधिकारी अजितेश सिंह, संजय देवस्थले, और लगरेरू खेस ने कोर्ट में रिट याचिका पेश किया। याचिका कर्ता की तरफ से वकील अनिल पिल्लई, अनुपम दुबे, रोहित शर्मा ने हाईकोर्ट को जिरह के दौरान बताया कि संशय के आधार पर रिट याचिका पेश किया गया है।
वकीलो ने न्यायधीश आरसीएस सामंत की कोर्ट को बताया कि साल 2014 में जल संसाधन विभाग के ईई आलोक अग्रवाल के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई हुई। पवन अग्रवाल ने सीजेएम कोर्ट में आवेदन पेश किया। कोर्ट के आदेश पर बिलासपुर सिविल लाइन में अज्ञात लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। परिवाद में याचिकाकर्ता को उत्तरवादी के ऱूप में रखा गया।
न्यायमूर्ति आरसीएस सामंत ने जिरह के बाद सिविल लाइन में दर्ज एफआईआर पर अन्तरिम रूप से कार्रवाई पर रोक लगा दिया। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकीलों की तरफ निचले कोर्ट के आदेश को विधि सम्मत निरस्त किए जाने की भी मांग की गयी।