शासन और पुलिस विभाग को हाईकोर्ट से नोटिस .पदोन्नति का मामला.2 सप्ताह में देना होगा जवाब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-रायपुर जिले में पदस्थ हेड कांस्टेबल की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। पीड़ित सरजू राम यादव की तरफ वकील अनादि शर्मा ने हाईकोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया कि सरजू राम को पदोन्नति के लिए अयोग्य घोषित किया जाना नीति संगत नहीं है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन को दो हप्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। 
 
                  रायपुर में हेडकांस्टेबल के पद पर कार्यरत सरजूराम की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरजू राम के वकील अनादि शर्मा ने कोर्ट को बताया कि पूर्व में मिली “दीर्घशास्ति” उनके वेतन में से एक वेतनवृद्धि के बराबर की राशि की कमी एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से किया जा रहा है। जिसके चलते पुलिस विभाग ने यादव को हेड कांस्टेबल से सहायक उप निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था।
 
              याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को दो हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने स्पष्टे किया है कि रायपुर रेंज में सहायक उप-निरीक्षक के पद पर पदोन्नति याचिका में पारित होने वाले निर्णय के अधीन रहेगी। 
 
               जानकारी देते चलें कि छत्तीसगढ़ में हेड कांस्टेबल से सहायक उप-निरीक्षक पद पर पदोन्नति कि परीक्षा 23 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाली है। रायपुर जिले में हेड कांस्टेबल के पद पर कार्यरत सरजू राम यादव को 2017 में मिली “दीर्घशास्ति” उनके वेतन में से एक वेतनवृद्धि के बराबर की राशि की कमी एक वर्ष के लिए असंचयी प्रभाव से किये जाने के चलते, विभाग नें  सहायक उप निरीक्षक पदोन्नति देने से इंकार कर दिया है।
 
                विभाग के रवैया से दुखी यादव ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता अनादि शर्मा के माध्यम से याचिका पेश किया। जस्टिस पी. सैम कोशी की एकल पीठ में यादव की याचिका पर सुनवाई हुई। अधिवक्ता अनादि शर्मा ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी को दी गई सजा छोटी रेणी में आता है। इसके अलावा प्रार्थी की सजा की अवधि भी खत्म हो गयी है। उन्हें पदोन्नति परीक्षा में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए।
 
                  अधिवक्ता शर्मा ने कोर्ट को बताया कि पदोन्नति परीक्षा के एक दिवस पहले योग्यता सूची जारी करना विधिसंगत नहीं है। सूची जारी होने से पहले किसी भी पीड़ित व्यक्ति को  अपना पक्ष रखने का पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। तर्कों के आधार पर  हाईकोर्ट ने राज्य शासन और पुलिस विभाग से 2 हफ्ते के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही जारी होने वाली हेड कांस्टेबल से सहायक उप-निरीक्षक पदोन्नति सूची को प्रकरण में पारित होने वाले निर्णय के अधीन रखा है।
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