​​​​​​​शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर करने शुरू किया गया ’हमर लक्ष्य’ अभियान

Shri Mi
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उत्तर बस्तर कांकेर-जिले में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए ’’हमर लक्ष्य’’ अभियान शुरू किया गया है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज सभी विकासखण्डों के प्राचार्यों एवं संकुल समन्वयकों की बैठक लेकर शैक्षणिक गुणवत्ता के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करने, स्कूल में प्रेणादायी वातावरण निर्मित करने तथा विद्यार्थियों की अनुपस्थिति को शून्य स्तर तक लाने, स्कूलों में रेमेडियल एवं अतिरिक्त क्लास लगाने के लिए प्राचार्यों को प्रोत्साहित किया गया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। कक्षा 10वी एवं 12 बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में सुधार लाने तथा अधिक से अधिक बच्चों को मेरिट में स्थान दिलाने के लिए स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण बेहतर  करने के लिए प्राचार्यों को निर्देश दिये गये।

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कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने प्राचार्यों एवं संकुल समन्वयकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सामाजिक और आर्थिक परिस्थिति को बेहतर करने में शिक्षा का सर्वाधिक योगदान होता है। विद्यार्थियों के भविष्य को गढ़ने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका होती है, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रतिदिन प्रेरित करें। उनके मन से भय दूर करें और उन्हे सहीं दिशा दिखायें। स्कूल मे आपकी भूमिका एक गार्जियन की होनी चाहिये। स्कूलों का माहौल अच्छा बनाये तथा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। कलेक्टर ने सभी प्राचार्यों एवं संकुल समन्वयकों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों की अनुपस्थिति कम से कम हो यह सुनिश्चित की जाये। सभी प्राचार्यों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्यादा मेहनत करने वाले प्राचार्य व शिक्षकों को जिला प्रशासन द्वारा प्रशस्ति पत्र दी जायेगी।

राज्य के मेरिट सूची में स्थान बनाने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का भ्रमण कराया जायेगा। शत-प्रतिशत रिजल्ट देने वाले संस्था के प्राचार्य एवं मेरिट में स्थान बनाने वाले विद्यालय के प्राचार्य को सम्मानित किया जायेगा। इसी प्रकार उच्चतम रिजल्ट देने वाले विषय शिक्षको और सर्वश्रेष्ट कार्य करने वाले बीईओ एवं बीआरसी को भी सम्मानित किया जायेगा। जिले के सभी विद्यालयों में प्रत्येक सोमवार को विद्यार्थियों का टेस्ट परीक्षा लेने के निर्देश भी दिये। प्राचार्यों को विद्यालय के शिक्षकों के साथ टीम भावना के साथ काम करने तथा लगातार अनुपस्थित विद्यार्थियों के घरों में जाकर विद्यार्थी और उनके पालक को समझाइश देने तथा समय-समय पर पालकों की बैठक लेने के लिए निर्देशित किया गया। परीक्षा की तैयारी के लिए प्रत्येक हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में नोडल शिक्षक का चयन करने के लिए भी कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा प्राचार्यों एवं संकुल समन्वयकों को निर्देशित किया गया।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल ने प्राचार्यों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्कूल भवन एवं उनमें उपलब्ध सुविधाओं से विद्यार्थियों का भविष्य नही बनाया जा सकता है, बल्कि ज्यादा महत्वपूर्ण विद्यार्थियों की भविष्य गढ़ने में आपकी मेहनत और ईच्छा शक्ति निर्भर करती है। आप अपने मेहनत और लगन से ही विद्यार्थियों का भविष्य बनाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के पढ़ाने की सूची में कोई कमी नहीं होती, तभी हम आगे बढ़ते हैं। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी भुवन जैन, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर, राजीव गांधी शिक्षा मिशन के जिला परियोजना समन्वयक आरपी मिरी सहित सभी बीईओ एवं बीआरसी भी उपस्थित थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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