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भावुक हुई जननायक की पत्नी..कहा..35 साल से खिला रही सूखी रोटी और चटनी..बोले धरमजीत..लव मैरिज किया..दिया कटाक्ष का जवाब

मै कुछ भी नहीं...कपड़े लेकर दवाई तक रखती है ख्याल..इनके बिना कुछ नहीं...धरमजीत

बिलासपुर–प्रदेश की राजनीतिक इतिहास में 13 सितम्बर हमेशा खास  रहेगा। खाास इसलिए भी .. कि इसी दिन प्रदेश का जननायक बिलासपुर संभाग में कल्पनाथ सिंह के घर पैदा हुआ। 1953 को एक ऐसे जननायक ने जन्म  लिया  जिसका जादू पिछले तीन दशक से आज  भी सबके सिर चढ़कर बोल रहा है। जननायक का व्यक्तित्व भी ऐसा कि जो एकबार मिला..उसका ही हो गया। कद इतना बड़ा कि वह जिस भी पार्टी में रहा…विपक्ष के कद्दावरों ने भी सिर आंखों पर बैठाया। पिछले 25 साल से क्या आम और  क्या खास सभी ने आधुनिक दरबेश को अपने दिल में ऐसा बसाया..कि कोई निकालने को तैयार ही नहीं है। जी हां बात हो रही है…ऐसे दरबेश की…जिसका नाम छत्तीसगढ  की राजनीति में अजातशत्रु के रूप में लिया जाता है।

 

जिसे आज भी अपनी पत्नी के हाथों बनी चटनी और सूखी रोटी खाना पसंद है। आपने ठीक समझा हम बात .तखतपुर विधायक सतीश सिंह की कर रहे हैं।  जिन्हे राजनीति की दुनिया धरमजीत सिंह के नाम से जानती है। अपने जन्मदिन पर उन्होने हमेशा की तरह बड़े ही साफगोई से सीजीवाल को बताया…मैं आम इंसान हूं…लेकिन इतना जानता हूं कि बड़ा बनना है तो पहले छोटा बनकर दिखाओ..लोगों का प्यार ही मेरी पूंजी है। बातचीत के दौरान उन्होंने ऐसा कुछ कहा कि पत्नी शशि सिंह की आंखे छलछला गयीं..और खुद जननायक की आंखे डबडबा गयीं।

 

कहना मुश्किल होगा कि शायद ही  ऐसा जन्मदिन किसी राजनेता का कभी मनाया गया होगा। क्या लोरमी, क्या पण्डरिया,क्या तखतपुर और क्या बिलासपुर सभी विधानसभा के आम और खास हाथ में बुके और दिल में प्यार लेकर धरमजीत सिंह के निवास के साने नजर आये। मिलने वालों ने बताया कि मिलने का सिलसिला रात्रि तीन बजे से चल रहा है। ताज्जुब की बात है कि दोपहर एक बजे नहाने के पहले तक धरमजीत सिंह सभी से जिन्दादिली से मिलते नजर आए। उन्होने इस दौरान सीजीवाल को भी अपना बहुमूल्य समय दिया। और फिर अनकही बातों को खुलकर रखा। पत्नी शशि सिंह ने जो कुछ कहा..उसे सुनकर लोगों की आंखे छलछला गयीं।

 

तखतपुर विधायक ने चर्चा के दौरान बतया कि उन्होने लव मैरिज की है। देर से शादी की है। मैने आज तक पत्नी का नाम नहीं लिया। आज जो कुछ भी हूं…उसमें पत्नी की भूमिका सर्वोपरि है। उन्होने हमेशा खयाल रखा है। ना ही कभी शिकायत ही की है। धर्मजीत ने बताया कि खान पान से लेकर कौन कौन सी दवा लेनी है। क्या खाना है..क्या नहीं खाना है…डॉक्टरों से बातचीत का जिम्मा धर्मपत्नी ने ही उठाया है। मेरे जेब में कौन सी दवा है…नहीं पता..लेकिन समय पर उसे खाना है। ठीक समय पर पत्नी फोन पर दवा खाने की याद दिलाती है।

 

शशि सिंह ने चर्चा के दौरान बताया कि स्प्राउट्स और सिल लोढ की चटनी उन्हें बहुत पसंद है।  कभी भी मिक्सी की चटनी नहीं दी। धर्मजीत ने क पत्नी विशुद्ध रूप से गृहिणी हैं।  राजनीति से कोई लेना-देना नहीं।  लेकिन मेरी पूरी राजनीति उनसे ही है।

धर्मजीत सिंह छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नजदीकियों के बारे में भी बताया। 1998 में पहली बार लोरमी से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचा। 2003 और 2008 में भी कांग्रेस की ओर से विधानसभा में लोरमी का प्रतिनिधित्व किया। 2003 में विधानसभा के उपाध्यक्ष बना। दो बार उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार जीता। अजीत जोगी ने जब 2016 में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ बनाई । उनके साथ खड़ा हो गया। 2018 के चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के चुनाव चिन्ह पर जीता। विधायक दल का नेता भी बना।
अमित शाह के कार्यक्रम में जाने के चलते अमित जोगी ने पार्टी से निष्कासित किया । एक साल तक विधानसभा में पहली कुर्सी से हटकर दो पंक्ति पीछे बैठना पड़ा। विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में शामिल होने पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कटाक्ष किया था कि धर्मजीत सिंह को लोरमी की जनता पर विश्वास नहीं रहा। उनको पता है कि लोरमी में उनकी हालत ठीक नहीं है, इसलिए दूसरी सीटों की तरफ जा रहे हैं। दरअसल अपना बुढ़ापा खराब कर रहे हैं।  बयान पर कहना पड़ा कि बुढ़ापा नही बीजेपी में जाने से कइयों की जवानी बर्बाद हो गई।

 

 बा्तचीत के दौरान धर्मजीत की पत्नी ने बताया कि हमारे बीच में आज तक कभी लड़ाई झगड़ा नहीं हुआई। उनकी व्यवस्तता, जनसेवा से बहुत खुशी मिलती है। घर के कामकाज में समय खत्म हो जाता है। उनके सेहत का ख्याल रखना ही सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इतना कहते ही दोनों की आंखे डबडबा गयीं।

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