नईदिल्ली।जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत रायपुर और दुर्ग में पदस्थ नए एक सौ पांच अमीनों को मूलभूत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें 33 लड़कियां भी शामिल हैं। वर्तमान में जल संसाधन विभाग के टेनिंग सेंटर में इन लड़कियों का प्रशिक्षण चल रहा है। जल संसाधन विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने टेªनिंग सेंटर में इन प्रशिक्षणार्थियों को विभागीय कामकाज का पाठ पढ़ाया।सचिव ने सबसे पहले सभी प्रशिक्षणार्थियों से उनकी शैक्षणिक योग्यता और पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी ली।बोरा ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जल संसाधन विभाग के मैदानी कर्मचारियों का काम काज काफी चुनौतीपूर्ण होता है। अमीन के पद पर कार्यरत कर्मचारी, जल संसाधन विभाग और किसानों के बीच कड़ी के रूप में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हैं।मौजूदा दौर में जल संरक्षण और संवर्धन पूरी दुनिया की प्राथमिकता में शामिल हैं। विभाग के मैदानी कर्मचारियों को लगन और मेहनत से काम करने की जरूरत है। उनके विभागीय कार्य किसानों की खुशहाली से जुड़े होते हैं।
विभाग में अमीन के रूप में कार्य करने वाले कर्मचारी विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विभागीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भू-अर्जन के साथ-साथ अन्य कार्यों में अमीन के पद पर कार्य करने वाले कर्मचारियों का किसानों के साथ अच्छा व्यवहार बहुत उपयोगी होता है। मैदानी कर्मचारियों को अपने कार्य व्यवहार से किसानों का भरोसा जीतना होता है। उनके अच्छे व्यवहार से आम जनता में उनकी अच्छी छवि बनती है। इससे विभाग की भी प्रतिष्ठा बढ़ती है। इसलिए कर्मचारियों को अपनी कार्य प्रणाली और व्यवहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
सचिव बोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बारिश काफी होती है, लेकिन बारिश के पानी को सहेजना और उसका समुचित उपयोग करना जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों के दायित्वों में शामिल हैं। इस अवसर पर प्रमुख अभियंता एच. आर. कुटारे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।