IMD Alert-ठंड की दस्तक,चार राज्यों में बारिश का अलर्ट, जाने पूर्वानुमान

Shri Mi
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रायपुर। मौसम ने अपना मिजाज बदल दिया है। ठंड ने दस्तक दे दी है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार नवंबर महीने में तापमान कम है, लेकिन अब आने वाले महीनें दिसंबर में जबरदस्त ठंडक देखने को मिलेगी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में रविवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है, वहीं प्रदेश के कई जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार मौसम का मिजाज बदल गया है। दिन में धूप और शाम से ठंड का एहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मौसम का रुख तेजी से बदल सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगे चलकर कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा।

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स्काई मेट वेदर मौसम एजेंसी के मुताबिक, दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। पिछले 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई। एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तर अंडमान सागर के ऊपर बना हुआ है।

कोंकण और गोवा, दक्षिण कर्नाटक, उत्तरी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश हुई।दक्षिण मध्य महाराष्ट्र में एक-दो जगहों पर हल्की बारिश हुई।उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री के बीच रहा।वहीँ, अगले 24 घंटों के दौरान, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, गोवा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की बारिश संभव है।देश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहेगा।

शाम के वक्त ठंडी हवा चलने की वजह से ठंडक बढ़ी है। वहीं, दोपहर में धूप तेज होने के बाद अब लोग छतों पर बैठकर धूप का आनंद लेने लगे हैं।मौसम विभाग का कहना है कि अभी एक वेस्टर्न डिस्टर्बन्स एक्टिव हो गया है। इसके चलते ही आने वाले चार दिनों में इसी तरह ठंड बनी रहेगी। इसके साथ ही ईरान के ऊपर के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टर्बन्स बना हुआ है। इसके कारण 25 नवंबर से कई राज्यों में न्यूनतम तापमान तेजी से गिरेंगे। यह स्थिति आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। वहीं इस समय बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

छत्तीसगढ़ के पेंड्रारोड, रायपुर और जगदलपुर में जबरदस्त ठंड देखने को मिली है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में गर्मी का सीजन मार्च से मई है, लेकिन यह अप्रैल से जून मध्य तक चल रही है। कड़ाके की सर्दी भी अक्टूबर-नवंबर के बजाए दिसंबर से शुरू हो रही है। ऐसा जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ भौतिक परिस्थितियां के कारण भी हुआ है जैसे शहरीकरण। उत्तर भारत में बर्फबारी में देरी से भी यहां ठंड ज्यादा लेट हो गई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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