कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, 1 लाख कर्मी जल्द होंगे नियमित, प्रक्रिया में संशोधन पर विरोध शुरू, जानें कैसे मिलेगा लाभ

Shri Mi
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Employees Permanent : राज्य में संविदा कर्मचारियों को जल्द ही नियमित किया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू की जा चुकी है। मुख्यमंत्री द्वारा 10 फरवरी को बजट जारी किया गया था। जिसमें संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने के नियम में संशोधन किया गया है। इसके लिए राजस्थान के संविदा कर्मचारियों को आईएएस में चयन के समय पूर्व में की गई सेवा लाभ दिए जाने की तर्ज पर संविदा कर्मियों को भी नवीन नियम में आने से पहले की सेवा लाभ दिए जाने की घोषणा की गई।

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अब इसपर विवाद शुरू हो गया। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले पर विवाद उत्पन्न होने के कई कारण है। संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों की मानें तो सरकार संविदा कर्मचारियों के अनुभव को आईएएस की तर्ज पर जोड़ रही है। ऐसे में प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी नियमित होने से वंचित रह जाएंगे।

ऐसे में सरकार द्वारा बजट सत्र में ही अपने आदेश में संशोधन कर पंजाब और उड़ीसा की तर्ज पर संविदा कर्मचारी के कार्य अनुभव को जोड़ने की मांग शुरू हो गई है। लंबे वक्त से मानदेय पर काम कर रहे प्रदेश के कर्मचारियों को न्याय मिल सके। इसके लिए संविदा मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा यह मांग की जा रही है।

सहयोग संविदा मुक्ति मोर्चा के रामस्वरूप टाक का कहना है कि पंजाब और उड़ीसा में संविदा कर्मचारियों को नियमित किया गया है। कर्मचारियों के पूरे कार्यानुभव को ही नियमित करने के वक्त जोड़ा गया लेकिन राजस्थान में नियमों के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। साथ ही आईएएस कैडर की तर्ज पर कर्मचारियों के कार्य अनुभव की गणना की जा रही है, जो पूरी तरह से गलत है।

इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा जा रहा है कि आईएएस पैटर्न के आधार पर 3 साल के कार्य अनुभव को 1 साल जोड़ा जाता है। ऐसे में पिछले 15 साल से जो कर्मचारी काम कर रहे हैं, उनके कार्य अनुभव इस फैसले में महज 5 साल हो जाएंगे। जिससे प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी नियमित नहीं हो सकेंगे। पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदेश के कर्मचारियों को अगर कार्य अनुभव शुरुआत से नहीं जोड़ा गया तो राजस्थान के 100000 लोगों के साथ यह अन्याय होगा और उनके परिजन और कर्मचारी कांग्रेस सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हो जाएंगे।

1 लाख कर्मचारी होंगे नियमित

इससे पहले सरकार द्वारा सरकारी विभागों में काम कर रहे एक लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया गया। इसमें ग्राम पंचायत सहायक, पैराटीचर, शिक्षाकर्मी और अंग्रेजी माध्यम टीचर के 41000 संविदा कर्मचारी नियमित होंगे। इसके अलावा ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के राजीविका और मनरेगा के 18000 संविदा कर्मचारी को नियमित किया जाएगा।

इतना ही नहीं अल्पसंख्यक विभाग के 5000 से अधिक मदरसा पैराटीचर और हेल्थ डिपार्टमेंट के 44000 संविदा कर्मियों को नियमित किया जाएगा। शिक्षाकर्मी पैराटीचर उके अलावा कांट्रेक्चुअल सेवा रूम के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को 21 अक्टूबर को ही फार्मूला तय किया गया था। जिन संविदा कर्मियों को पहले का वेतन ज्यादा होगा। उन्हें मिलने वाले वेतन में दो सालाना इंक्रीमेंट जोड़कर नया वेतन तय करने का प्रावधान है।

इतना मिलेगा वेतन

संविदा पर शुरुआती वेतन 10400 रूपए हर महीने तय किए गए हैं। ऐसे में 9 साल सेवा पूरी करने वाले को 18500 रूपए और 18 साल की सेवा पूरी करने वाले को 32300 रूपए का वेतन मिलेगा। वही संविदा कर्मचारियों को पहले से मिलने वाले वेतन संरक्षित किए गए हैं। 9 और 18 साल की सेवा की गिनती इन नियमों के आने की तारीख से तय की जाएगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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