छत्तीसगढ़ के उस गाँव में एक-एक घर तक पहुंचा दिवाली का नायाब तोहफ़ा.. बिटिया बनी डिप्टी कलेक्टर तो झूम उठा पूरा गाँव..

Chief Editor
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यह तस्वीर छत्तीसगढ़ में  जांजगीर – चांपा जिले के छोटे से गांव धुरकोट की है । यहां के सरकारी हाई स्कूल के सामने गाजे- बाजे के साथ यह जश्न मनाया जा रहा है । क्योंकि इसी स्कूल में पढ़ी- लिखी पिंकी मनहर  सीजीपीएससी में बेस्ट पोजीशन लाकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई है। गांव की बेटी के डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित होने की खबर से पूरा गांव झूम उठा और खुशी के माहौल में उसका स्वागत किया। धुरकोट गाँव की गलियों मे दिवाली जैसा माहौल था। बाजे- गाज़े के साथ स्वागत रैली निकली तो गाँव के लोगों ने फूल – मालाओँ के साथ अपनी ही बिटिया का स्वागत किया और मिठाइय़ाँ बांटी। गाँव में दिवाली से पहले ही पटाख़े फूटे और लोगों ने खुशी के माहौल में इस तोहफ़े को स्वीकार किया …।

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 जांजगीर-चांपा जिले की डबरा तहसील में गांव है धुरकोट…..। वहां खेती-बाड़ी कर सब्जी बेचने वाले एमचंद की चार संतानों में से एक पिंकी मनहर ने इतिहास रचा है।पिंकी के डिप्टी कलेक्टर बनने की ख़बर के साथ ही इस परिवार को दिवाली का नायाब़ तोहफ़ा मिला है…।  गांव की बिटिया बचपन से ही मेधावी रही। उसकी पढ़ाई लिखाई धुरकोट के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई। यह स्कूल भी आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है और पिंकी मनहर के डिप्टी कलेक्टर बनने की खुशी के जश्न का गवाह भी बना….।

पिंकी मनहर  सीजीपीएससी की 2019-20 की परीक्षा में आबकारी उपनिरीक्षक पद पर चयनित हुई थी। दूसरी बार में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। सीजीवाल से बात करते हुए पिंकी मनहर ने बताया कि उसके स्कूल के दिनों से ही टीचर्स का मार्गदर्शन मिलता रहा। हायर सेकेंडरी परीक्षा पास करने के बाद पिंकी ने बिलासपुर के बिलासा गर्ल्स कॉलेज में दाखिला लिया था और वहां से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद से ही उन्होंने पीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी और दूसरी बार में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गांव छोटा हो या बड़ा… स्थान से कोई फर्क नहीं पड़ता … जरूरत होती है हार्ड वर्क की…..। डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होने के बाद पिंकी मनहर कहती हैं कि उन्हें विभाग की ओर से जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे तो पूरा करेंगे ही । लेकिन शिक्षा पर उनका अधिक फोकस होगा। गांव – देहात में रहने वाले बच्चों को शिक्षा के दौरान बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।महिलाओं की स्थिति भी चिंताजनक है । बच्चों को पढ़ाई – लिखाई के लिए आर्थिक तंगी की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पिंकी मनहर को इस बात का एहसास है कि एक गरीब परिवार से आने की वजह से उन्होंने सभी तरह की समस्याओं को नजदीक से महसूस किया है। प्रशासनिक पद पर आने के बाद उनकी कोशिश होगी कि इसे दूर किया जा सके। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला धुरकोट के प्राचार्य छबीलाल मेहर ने भी खुशी जाहिर की ।  जब उनसे हमारी बात हुई तो उन्होंने बताया कि शुरू से ही मेधावी रही पिंकी मनहर ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बहुत अच्छा स्थान हासिल किया था। उनके साथ ही स्कूल टीचर स्टाफ को भी लगता था कि पिंकी मनहर ऊंचा स्थान हासिल कर स्कूल और गांव का नाम रोशन करेगी। आज जब डिप्टी कलेक्टर  पद पर उसका चयन हुआ है तो बेइंतहा खुशी हो रही है। उन्हें यह भी लगता है कि पिंकी मनहर को मिली इस कामयाबी से स्कूल और गांव के दूसरे बच्चों को भी ऊंचाइयां हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी।

यही वज़ह है कि दिवाली त्यौहार के मौके पर जब सब ओर खुशियां फैली हुई हैं। ऐसे समय में धुरकोट गांव के लोग अपनी ही बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने पर इस बार कुछ अलग ही अंदाज में दिवाली मना रहे हैं।

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