बिहार चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद पार्टी नेता भक्त चरण दास को राज्य में पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हीं के सामने उठापटक और हाथापाई शुरू कर दी। मंगलवार को चरणदास को जो नजारा देखने को मिला उससे उनको समझ आ गया होगा कि उनका काम कितना चुनौती भरा है। दरअसल आज कांग्रेस कार्यकर्ता सदाकत आश्रम में आपस में ही भिड़ गए। कुर्सियों को एक दूसरे पर फेंके जाने के बीच भक्त चरण दास को वहां से जैसे तैसे निकाला गया।कहासुनी से शुरू हुई बात कब हाथापाई में बदल गई मालूम ही नहीं चला। कार्यकर्ताओं ने भक्त चरण दास को स्थिति और ज्यादा खराब होने से पहले ही वहां से निकाला।
बता दें कि कांग्रेस की ओर से बिहार के नए प्रभारी नियुक्त किए गए भक्त चरण दास सोमवार को राज्य इकाई के पदाधिकारियों से मिले। वे कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली बिहार यात्रा पर हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे चरणदास सोमवार को बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पदाधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है जिसमें स्थानीय नेता एक दूसरे को गालियां देते हुए और एक-दूसरे पर अभद्र टिप्पणी करते हुए दिखे। बीपीसीसी के शीर्ष नेताओं के अलावा सभागार के मंच पर बैठे दास माइक पर बोलते हुए सुनाई दिए, “हम राज्य में पार्टी की बेहतरी के लिए सुझाव साझा करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। कृपया व्यक्तिगत हमलों में शामिल न हों”।
ओडिशा में जन्मे भक्त चरण दास, ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने बिहार को अपनी “कर्मभूमि”के रूप में देखा है। इससे पहले इस पद पर शक्तिसिंह गोहिल थे। गोहिल ने हाल ही में कुछ महीने पहले COVID 19 से संक्रमित होने के बाद अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पार्टी आलाकमान से उन्हें “हल्की” जिम्मेदारी देने का अनुरोध किया था।
भक्त चरण दास ने मीडिया से बात करते हुए कहा, पार्टी अपने नेतृत्व के तहत “बेहतर काम करेगी”। हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बुरा प्रदर्शन किया था। जिसमें उसने 70 सीटें लड़ीं, लेकिन केवल 19 सीटें जीतीं। जिससे कई सहयोगियों ने तो कांग्रेस पर ही महागठबंधन की हार का ठीकरा फोड़ दिया।