शिक्षको की कोरोना वेक्सीनेशन में ड्यूटी लगाना गलत,सहायक शिक्षक फेडरेशन ने की 50 लाख बीमा,अनुकंपा नियुक्ति,कोरोना वारियर का दर्जा देने की मांग

Shri Mi
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रायपुर।शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय प्रवक्ता बसंत कौशिक ने बताया है कि अभी वर्तमान में जो कोरोना में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है उसे सहायक शिक्षक फेडरेशन सर्वथा गलत मानता है ।गलत मानने का कारण यह है कि शिक्षकों को कोरोना से संबंधित प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं दी गई है, बचाव के तरीके के बारे में जो कोरोना वारियर को जानकारी होनी चाहिए ट्रेनिंग के माध्यम से, उन्हें नहीं दी गई है। किसी प्रकार का किट नहीं दिया गया है ।सबसे बड़ी बात यह है कि उनका वैक्सीनेशन भी नहीं किया गया है।जैसे अन्य विभाग के कर्मचारियों को कोरोना वारियर मानकर उनका 50 लाख का बीमा कवर किया जाता है।

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स्वास्थ्य विभाग एवं कोई भी विभाग जो कोरोना से संबंधित कार्य करते हैं उन्हें जो सुविधाएं प्राप्त है ऐसा कुछ भी शिक्षकों के साथ नहीं किया गया है, उन्हें जानबूझकर खतरे की ओर धकेला जा रहा है ,जो कि सरासर गलत है ।आज से पहले यह कहा गया है कि शिक्षक को अन्य किसी गैर शिक्षकीय कार्य में ड्यूटी नही करनी होगी, बार-बार बताया जाता है, कि यह आखिरी है इसके बाद शिक्षकों को कोई गैर शिक्षक कार्य नहीं करना पड़ेगा।

लेकिन यह विडंबना है कि यह बातें केवल कागज में ही रह जाती है। और बिना शिक्षकों के कोई कार्य संपूर्ण नहीं हो पाता है। हमारे शिक्षक बढ़ चढ़कर हर कार्य में हिस्सा लेते हैं, हर कार्य अच्छे से करते आ रहे हैं। कभी कोई शिक्षक शिकायत का मौका नहीं देता है।अपना कर्तव्य समझकर कार्य को करता है आज भी शिक्षक हर उचित कार्य को करने को तैयार है और कर रहे हैं।लेकिन यह कहां तक तर्कसंगत है कि शिक्षकों को बिना वैक्सीनेशन के, बिना उनके भविष्य को सुरक्षित किए हुए खतरे में झोंक दिया जा रहा है। मैं यह पूछना चाहूंगा कि इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

यदि शिक्षकों को जिनकी कोरोना वेक्सीनेसन में ड्यूटी लगी हुई है, उनको कुछ हो जाता है तो उनके परिवार का क्या होगा ? हमने कई बार ज्ञापन वा आवेदन दिया है कि शिक्षको को कोरोनावरियर्स के रूप में उन्हें 50 लाख का बीमा कर दिया जाए, निशर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जाए, लेकिन शासन प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। इसे ध्यान देने की जगह अब शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना कार्य मैं लगा दी गई है,जोकि समझ समझ के परे है। क्या चाहती है सरकार ?क्या शिक्षकों के प्रति कोई संवेदना नहीं है? क्या शिक्षकों के प्रति सरकार का कोई कर्तव्य नहीं है?

क्या शिक्षकों के प्रति सरकार की कोई जवाबदारी जिम्मेदारी नहीं है ?क्या शिक्षक केवल ऐसे हैं जिन्हें किसी भी काम में झोंक दिया जाए ?क्या शिक्षक महामानव हैं? जिन्हें कोई बीमारी नहीं होती? क्या शिक्षक अमर होकर आए हैं ?क्या शिक्षकों का अपने परिवार के प्रति कोई जवाबदारी नहीं है ?क्या शिक्षक इस समाज से अलग तरह के लोग हैं? क्या शिक्षक हर कर्मचारी से अलग है? शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों ?इस प्रकार के कई अनेक प्रश्न है जो आज शिक्षक शासन से पूछ रहा है।आज ये प्रश्न विकराल रूप से सरकार के सामने खड़े हैं।

अभी की ड्यूटी में सबसे ज्यादा सहायक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, सहायक शिक्षक अपना कार्य तो कर रहे हैं, किंतु यह किसी भी तरीके से सही नहीं है। बेमेतरा जिला अध्यक्ष श्री कौशल अवस्थी सचिंव गेंद वर्मा थानेश्वर साहू मुरली वर्मा पोखन साहू धर्मेंद्र देवांगन अशोक कुमार (अध्यक्ष साजा)बाबूलाल गोयल(अध्यक्ष नवागढ़) गंगाधर दुबे(अध्यक्ष बेरला)विजय यादव(अध्यक्ष बेमेतरा) विकास चौबे राकेश सोनवानी इत्यादि के शिक्षकों ने इस पर अपने विचार दिए, सबका कहना है कि हम यह कर्तव्य निभाने को तैयार है पर हमें सरकार आस्वस्त करें, हमारे परिवार की संपूर्ण जिम्मेदारी लें और हमें इस खतरे इस महामारी से बचाने के लिए जो जरूरी है वो उपाय करें। हमारा वैक्सीनेशन हो, हमारा भी बीमा हो,हमारे परिवार के सदस्य को तुरंत अनुकंपा नियुक्ति की व्यवस्था हो।
इसी तारतम्य में आज बेमेतरा जिला में जिला शिक्षा अधिकारी, जिलाधीश को आवेदन सौंपा जाएगा ।यह आवेदन जिला अध्यक्ष कौशल अवस्थी, गेंद राम वर्मा एवम साथियों द्वारा दिया जाएगा । अपने अधिकारियों को इस विषय पर अवगत कराया जायेगा,अपना दृष्टिकोण बताया जाएगा, कि इस पर उचित कार्रवाई करें। हमारे अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी इन से अपील किया जाएगा कि शिक्षक आपकी जिम्मेदारी है शिक्षकों की सुरक्षा एवं भविष्य आपके हाथो मे है, आप अपने शिक्षकों को बचाते हुए चले। अपने शिक्षकों को सुरक्षित एवं सभी तरीके से रखने के लिए जो भी हो सके आप अवश्य करें। क्योंकि आप हमारे अधिकारी हैं और आपके आदेश के अनुसार ही समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं कार्य करते हैं, तो आप की जवाबदारी बनती है कि आप अपने विभाग के लोगों के प्रति चिंता व्यक्त करें और अपने शिक्षकों की ड्यूटी लगाना बंद करें ,अपने शिक्षकों के साथ न्याय करें।

साथ ही साथ इस को लिखित रूप में ऊपरी कार्यालय में भेजें, शासन के पास भेजें और अपने तरफ से अपील करें कि हमारे शिक्षकों की ड्यूटी बीना प्रॉपर ट्रेनिंग के, बिना सुरक्षा के, बिना उनके परिवार के सुरक्षा के, ना लगाई जाए पहले शिक्षकों को आश्वस्त करें, उन्हें पूरी तरीके से जैसे कि दूसरे कोरोनावरियर्स को दर्जा दिया जाता है इन्हें भी दर्जा दे,उसके बाद शिक्षक अपनी ड्यूटी करने को तैयार है। इस प्रकार की जानकारी कार्यालय को भेजे।सहायक शिक्षक फेडरेशन अपील करता है कि शिक्षकों को की जान को जोखिम में ना डाला जाए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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