Covid-19: दिसंबर में देश के 38 फीसदी मामले अकेले इस राज्य में हुए दर्ज, 83 फीसदी मौतें

Shri Mi
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Kerala Covid-19 Cases: दुनियाभर में कोरोना वायरस(Coronaviurs) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में हालात अभी तक स्थिर बने हुए है. बावजूद इसके भारत (India) में कोविड संक्रमण ट्रेंड पर गौर करने पर सामने आया कि इस महीने 23 दिसंबर तक करीब 83 फीसदी कोविड से होने वाली मौतें और 38 फीसदी नए मामले केरल (Kerala) से हैं. वहीं, आकड़ों की बात की जाए तो भारत में 19 से 25 दिसंबर के बीच कोरोना मामलों की संख्या 1,291 हो गई.

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Kerala Covid-19 Cases: भारत में कोरोना के केसों में वैसे तो बढ़ोतरी ज्यादा बड़ी नहीं है. केरल में कोरोना को लेकर स्थिति चिंता पैदा करने वाली है. भारत में इस महीने 23 दिसंबर तक लगभग 83 फीसदी कोविड से मृत्यु और 38 फीसदी नए मामलों में केरल का योगदान है. यह देश के बाकी हिस्सों के मुकाबले राज्य में पॉजिटिविटी और मृत्यु दर में धीमी गिरावट के ट्रेंड को दर्शाता है. जहां पिछले कुछ महीनों में अस्पताल में भर्ती होने वाले कोविड मरीजों की संख्या में कमी आई है, वहीं वैक्सीनेशन के बावजूद बुजुर्ग और गंभीर बीमारी वाले लोग कमजोर बने हुए हैं.

केरल में कोविड के आंकड़े

स्वास्थ्य विभाग कई राज्यों में कोविड के हालात पर अपनी नजर बनाए हुए है. केरल में कोरोना मामलों को लेकर स्थिति बाकी राज्यों के मुकाबले ज्यादा चिंता जनक बनी हुई है. भारत ने अक्टूबर में कुल 64,357 कोविड-19 मामले दर्ज किए, जिनमें से 24 फीसदी अकेले केरल राज्य में थे.

उस अवधि के दौरान वायरस की वजह से हुई 366 मौतों में से, केरल की हिस्सेदारी सबसे अधिक 60 फीसदी थी. अगले महीने देशभर में नए मामलों की संख्या घटकर 19,204 रह गई, जिनमें केरल का योगदान 22 फीसदी था. नवंबर के दौरान हुई 176 मौतों में से 63 फीसदी राज्य में हुईं. इस महीने, 23 दिसंबर तक देशभर में कोविड संक्रमण के कुल 4,467 मामले दर्ज किए गए थे और 62 मौतें हुईं.

क्या बोले एक्सपर्ट्स?

राज्य के स्वास्थ्य विभाग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जरिये प्रकाशित मौतों के आंकड़ों का संकलन करने वाले एनसी कृष्ण प्रसाद ने कहा, ”कोरोना के इन आंकड़ों को पिछले कुछ महीनों में चिह्नित किया गया है लेकिन जब हम 2020 के बाद से कोविड मामलों और मौतों की कुल संख्या को देखते हैं, केरल में अब तक कुल मौतों का 15 फीसदी और हताहतों का 16 फीसदी हिस्सा है, जो वास्तव में खतरनाक नहीं है.” डायबेटोलॉजिस्ट डॉ जोतिदेव केसवदेव ने कहा, “अगले 15 से 20 दिनों में हम संक्रमण के प्रसार की गंभीरता को जान पाएंगे.”

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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