रायपुर।दो साल पहले मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेलटुकरी में रहने वाले किसान भाई स्व.मोहनलाल चंद्राकर ने फसल में हुए नुकसान और उसके बढ़ते कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर लिया था ।जिसका गहरा आघात उनके परिजनों को पंहुचा और उनके तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए।बड़ा सवाल यह है कि आखिर धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ का अन्नदाता जो पूरे देश के लोगो की भूख मिटाता हो वो आखिर अपने ही पेट की भूख मिटाने में क्यों असमर्थ है।आखिर कब तक प्रदेश का अन्नदाता प्रदेश में बैठी रमन सरकार के 2100 रूपए समर्थन मूल्य और 300 रूपए बोनस की आस में टकटकी लगाए बैठा रहेगा और चुनाव में किए जाने वाले संकल्पों की भेंट चढ़ता रहेगा।और ऐसी परिस्थितिवश किए जाने वाले आत्महत्याओं से उनके परिजनों को होने वाली अपूरणीय क्षति की भरपाई कौन करेगा।
ऐसी अपूरणीय क्षति की भरपाई तो कोई नहीं कर सकता।अमित जोगी जी ने मृतक किसान भाई स्व.मोहनलाल चंद्राकर के घर दीपावली के दिन दीये जलाकर,मिठाईया खिलाकर उपहार प्रदान किया और मृतक किसान भाई की कमी को कम करने का प्रयास किया। और मृतक किसान भाई के तीनों मासूम बच्चों सुमित, हर्षित और शुभ को यह एहसास दिलाया कि वो अकेले नहीं है।
इस मौके पर मरवाही विधायक अमित जोगी जी ने कहा की ये सरकार द्वारा किसानों के लिए अपनाई जा रही धोखे, छलावे और नाकामियों का घटिया उदाहरण है, जिसके कारण हमारे प्रदेश के अन्नदाताओ को अपनी जान देने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
आज अगर मेरे इस छोटे से प्रयास से मृतक परिवार के चेहरे पर थोड़ी भी मुस्कान आई तो मैं अपने जीवन को धन्य मानूँगा। इस अवसर पर संतोष दुबे, समीर अहमद, जीतू ठाकुर, मालिकराम डहरिया, देवसिंह पोर्ते, गौरिश मिश्रा, देव चंद्राकर, रामेश्वर साहू, भागा बाई यादव, हरजीत चावला, प्रदीप पनोरे, विजय सुमन, रेवा शंकर साहू उपस्थित रहे।