PM Modi के UP दौरे से पहले हो सकता है केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार,19 से 20 नए मंत्रियों को मिल सकती है जगह

Shri Mi
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नई दिल्ली-केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का विस्तार अगले तीन चार दिनो में हो सकता है. मंत्री बनने की चाहत रखने वाले कई नेता शुभ मुहूर्त के इंतज़ार में दिल्ली में डटे हुए हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का विस्तार अब जल्दी हो जाएगा. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के बदलने के बाद अब जल्दी से जल्दी विस्तार होना तय माना जा रहा है. हालांकि पहले चर जुलाई को कैबिनेट विस्तार की चर्चा थी,लेकिन उत्तराखंड के परिवर्तन और शपथ ग्रहण की वजह से ये टल गया था. लेकिन अब केंद्र के कैबिनेट विस्तार के लिए सात और आठ जुलाई की तारीख बताई जा रही है.

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वैसे भी 19 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से पहले अगर मोदी, सरकार का विस्तार करना चाहते हैं तो फिर सात या आठ तारीख मुफीद है. मंत्री बनने वाले संभावित नेता भी दिल्ली में डटे हैं और शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं. उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के बन जाने के बाद राज्य के युवा नेता अनिल बलूनी को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. वे मंत्री बनेंगे तो पार्टी को नया राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी नियुक्त करना होगा.

ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, सुशील मोदी या संजय जयसवाल,  वरुण गांधी, दिलीप घोष, मीनाक्षी लेखी, लद्दाख़ के सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल, भूपेन्द्र यादव , विनय सहस्त्रबुद्द्हे , बिजयंत पांडा जैसे अनेक भाजपा नेताओं की चर्चा चल रही है. इनके अलावा अपना दल की अनुप्रिया पटेल  और भाजपा के दूसरे सहयोगी प्रवीण निषाद  और जदयू के नेताओं के भी सरकार में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है ,लेकिन अभी तक नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड से भाजपा आलाकमान से बात चीत की कोई खबर नहीं आयी है.

कुछ मंत्रियों के पास ज़रूरत से ज़्यादा मंत्रालय हैं उनके भार को भी कम किया जाएगा ,मसलन रवि शंकर प्रसाद , पीयूष गोयल ,प्रकाश जवाडेकर,नरेंद्र सिंह तोमर जैसे मंत्रियों के पास कई विभाग है जिसको कम किया जाएगा . क्षेत्रीय  और जातिगत समीकरण को भी संतुलित किया जाएगा . साथ ही उत्तरप्रदेश समेत पाँच राज्यों में होने वाले चुनाव का भी असर मंत्रिमंडल विस्तार में दिखेगा.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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