बिलासपुर। लॉकडाउन के दौरान सभी तरह के उद्योग व्यवसाय बंद हैं। इससे औद्योगिक संस्थानों और व्यवसाय में बैंकिंग कार्य भी प्रभावित हो रहा है। छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ , जिला उद्योग संघ और संभागीय चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से बिलासपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भेजकर लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग सेवाओं में उद्योग – व्यवसाय जगत को अनुमति देने का की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ,जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ,संभागीय चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रामअवतार अग्रवाल ने बिलासपुर कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर को एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें कहा गया है कि लॉकडाउन की पूर्व घोषित अवधि को 26 अप्रैल तक बढ़ाया गया है। इसमें दूध- फल- सब्जी -राशन इत्यादि की आंशिक छूट दी गई है। हम इसका स्वागत करते हैं । उन्होंने आगे लिखा है कि औद्योगिक संस्थानों को श्रमिकों को परिसर के अंदर रखकर कार्य करने की अनुमति है। पिछले 14 माह से कोरोना संक्रमण के कारण उद्योग की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। बैंक ऋण अदायगी एवं अन्य भुगतान दायित्व को पूरा करने की समस्या भी आ गई है।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि बैंकिंग में बैंक कर्मियों को आंतरिक कार्य करने / एटीएम रिफिलिंग की छूट दी गई है। बैंक में उद्योग- व्यवसाय एवं उपभोक्ताओं को जाने पर प्रतिबंध है। औद्योगिक संस्थान / एमएसएमई सेक्टर को जीएसटी, टी वी एस, पी सी एस, पी एफ ईएसआई, बिजली बिल, श्रमिकों को भुगतान आदि के लिए बैंक जाना पड़ता है। सभी भुगतान समयबद्ध करना होता है । कच्चा माल एवं अन्य पेमेंट हेतु उद्योग व्यवसाय जगत को बैंक जाने की अनुमति नहीं मिलने से उपरोक्त समस्त शासकीय दायित्व एवं अन्य व्यावसायिक दायित्व का निर्वाह करना संभव नहीं होगा। औद्योगिक प्रतिष्ठान / एमएसएमई सेक्टर के आगे व्यावसायिक कार्य जारी रखने में बहुत परेशानी होगी। आज के समय में बैंकिंग अत्यंत आवश्यक सेवा है। यह उद्योग व्यवसाय जगत का ऑक्सीजन है। तीनों संगठनों ने जिला कलेक्टर से अनुरोध किया है कि जैसे अन्य जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है। वैसे ही उपभोक्ताओं के लिए बैंकिंग सेवा में भी छूट दी जानी चाहिए ।उन्होंने अपने ज्ञापन की कॉपी एसडीएम बिलासपुर और जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र बिलासपुर के मुख्य महाप्रबंधक को भी प्रेषित की है।।