जशपुर-कलेक्टर महादेव कावेर ने जिले के सभी विकास खण्डों में ग्रामीण एवं खंड स्तरीय सचिवालय का सुदृढ़ीकरण एवं नियमित संचालन करने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश में ग्राम प्रशासन को जनोन्मुख, पारदर्शी एवं संवेदनशील बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण एवं जनपद पंचायत स्तर पर खंड सचिवालय की स्थापना करने का निर्णय लिया गया था। ताकि ग्रामवासियों को दिन-प्रतिदिन की समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही संपन्न हो सके।तिहत्तरवें संविधान संशोधन से पंचायतों को संवैधानिक दर्जा एवं अधिकार प्राप्त है। शासन द्वारा पंचायतों को अनेकों विभाग के अधिकारों एवं कृतियों को प्रत्यायोजित किया गया है। इसे ध्यान में रखते हुए ग्रामीण एवं खंड स्तरीय सचिवालय में पंचायतों की भूमिका सुनिश्चित की गई है। राज्य शासन द्वारा ग्रामीण सचिवालय संबंधी यह व्यवस्था प्रदेश में 26 जनवरी 2004 से लागू की गई थी परंतु शैनेःशैने इसमें शिथिलता आ गई। राज्य शासन द्वारा इस व्यवस्था को पुनः सुदृढ़ता से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस पर जशपुर कलेक्टोरेट में लोक प्रशासन गतिविधियों हेतु प्रथम आईएसओ-9001-2015 प्रमाण पत्र हासिल किया है जिसका आधार जिले की जनता को प्रदान की जाने वाली सेवाएं एवं शीघ्र शिकायत निवारण व क्रियान्वयन संबंधी कार्यवाही है। यह गौरव जिले को संपूर्ण क्षेत्र के लिए दी जा रही सार्वजनिक प्रशासनिक सेवाओं हेतु प्राप्त हुआ है।
ऐसे में जिले के दूरस्थ वनांचल एवं पहाड़ी क्षेत्रों में बसे गांव के ग्राम वासियों हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायतों एवं जनपद मुख्यालयों पर सचिवालय व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण अधिक महत्वपूर्ण एवं उद्देश्य प्राप्ति में सहायक होगा। कलेक्टर ने सभी पंचायतों में पूर्व प्रचलित सचिवालय दिवसों की पुनः समीक्षा करते हुए यथा आवश्यकता संशोधनों के साथ 1 सप्ताह में अपने अनुविभाग के अंतर्गत जनपद एवं ग्रामीण सचिवालय का प्रारूप उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैंै जिससे अद्यतन आदेश जारी किए जा सकें। उन्होने सचिवालय व्यवस्था का नए सिरे से व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं व्यक्तिगत रुचि से सचिवालय बैठकों का नियमित रूप से आयोजन किये जाने एवं निर्धारित प्रपत्र में नियमित रूप से जानकारी का प्रतिवेदन कार्यालय में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है।