सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत..पति की मृत्यु के बाद पत्नी को आरोप में घसीटा..अब 18 को सुनवाई

BHASKAR MISHRA
2 Min Read
बिलासपुर—–सुप्रीम कोर्ट ने लम्बी जंग के बाद विधवा महिला को आरोपी अन्तरिम राहत देते हुए थाना में उपस्थित होने का आदेश दिया है। महिला पर पोस्ट आफिस उपभोक्ताओं ने पति की मौत के बाद आरोपी बनाया था।
          बिलासपुर निवासी आकांक्षा पांडेय की शादी रायपुर निवासी भूपेंद्र पांडेय से हुई थी। भूपेंद्र पेशे से व्यापारी और  पोस्ट आफिस के एजेंट भी थे।  4 अप्रैल 2021 को भूपेन्द्र की रेल हादसे में मौत हो गयी। घटना के कुछ दिनो बाद पोस्ट आफिस में पैसा जमा करने वाले उपभोक्ता  प्रदीप शर्मा और अन्य समेत भूपेन्द्र के रिश्तेदारों ने रायपुर के सरस्वती नगर थाना पहुंचकर 5 जुलाई 2021 को आईपीसी की धारा 420 का जुर्म दर्ज कराया।
           मामले में पुलिस ने मृतक के अलावा पत्नी आकांशा पांडेय और  अन्य को आरोपी बनाया। इसके बाद आकांक्षा पाण्डेय ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जमानत का आवेदन निरस्त होने पर फरियादी ने अधिवक्ता रविंद्र शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर किया।
               सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे,समीर श्रीवास्तव,आकाश अग्रवाल विधि ठाकेर ने पैरवी कर महिला को जमानत दिलायी है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए आदेश दिया है कि अगली सुनवाई  18  अगस्त 2022 को होगी। तब तक आरोपी को सम्बंधित थाना पहुंचकर उपास्थित दर्ज कराना होगा। कोर्ट ने समय निर्धारित कर सुबह 10 बजे से 1 बजे के बीच  थाना में उपस्थित होने को कहा है।

 

Join Our WhatsApp Group Join Now
Contents
बिलासपुर—–सुप्रीम कोर्ट ने लम्बी जंग के बाद विधवा महिला को आरोपी अन्तरिम राहत देते हुए थाना में उपस्थित होने का आदेश दिया है। महिला पर पोस्ट आफिस उपभोक्ताओं ने पति की मौत के बाद आरोपी बनाया था।          बिलासपुर निवासी आकांक्षा पांडेय की शादी रायपुर निवासी भूपेंद्र पांडेय से हुई थी। भूपेंद्र पेशे से व्यापारी और  पोस्ट आफिस के एजेंट भी थे।  4 अप्रैल 2021 को भूपेन्द्र की रेल हादसे में मौत हो गयी। घटना के कुछ दिनो बाद पोस्ट आफिस में पैसा जमा करने वाले उपभोक्ता  प्रदीप शर्मा और अन्य समेत भूपेन्द्र के रिश्तेदारों ने रायपुर के सरस्वती नगर थाना पहुंचकर 5 जुलाई 2021 को आईपीसी की धारा 420 का जुर्म दर्ज कराया।           मामले में पुलिस ने मृतक के अलावा पत्नी आकांशा पांडेय और  अन्य को आरोपी बनाया। इसके बाद आकांक्षा पाण्डेय ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जमानत का आवेदन निरस्त होने पर फरियादी ने अधिवक्ता रविंद्र शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर किया।               सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे,समीर श्रीवास्तव,आकाश अग्रवाल विधि ठाकेर ने पैरवी कर महिला को जमानत दिलायी है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए आदेश दिया है कि अगली सुनवाई  18  अगस्त 2022 को होगी। तब तक आरोपी को सम्बंधित थाना पहुंचकर उपास्थित दर्ज कराना होगा। कोर्ट ने समय निर्धारित कर सुबह 10 बजे से 1 बजे के बीच  थाना में उपस्थित होने को कहा है।
Share This Article
close