बिलासपुर—- अन्तर्राष्ट्रीय कराते गोल्ड चैम्पियन खुशी विजय ने अपने कोच पर गंभीर आरोप लगाया है। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर खुशी ने मामले में कोच पर अपमानित किए जाने का आरोप लगाया है। खुशी ने बताया कि कोच ने जानबूझकर गोल्ड मैडल चैम्पियन के स्थान पर अपनी बच्ची और अपने परिजन को ध्यानचन्द अवार्ड दिलाया है।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर खुशी विजय ने प्रशासन को अपना पीड़ा पत्र दिया है। अपने माता पिता और पूर्व कोच समेत समर्थकों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर खुशी ने अपने साथ अन्याय किए जाने की बात कही है। खुशी ने बताया कि विशाखापत्तनम में पिछले महीने अन्तर्राष्ट्रीय कराते चैम्पियन का आयोजन किया गया। सौभाग्य से उसे भी अपने वर्ग में खेलने का अवसर मिला। बिलासपुर और प्रदेश के लिए गोल्ड मैडल भी जीता है।
सफलता पर बड़े बड़े अधिकारियों समेत नेताओं ने शुभकामनाएं दी। बावजूद इसके 26 जनवरी को ध्यानचन्द अवार्ड पाने से उसे रोका गया। खुशी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्य अतिथि के हाथों गणतंत्र दिवस पर सभी खेल प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। ध्यानचन्द अवार्ड का हकदार होने के बाद भी उसे रोका गया है।
जबक उसके ही वर्ग से सिल्वर मैडल पाने वाली दो लड़कियों को ध्यानचन्द अवार्ड दिया गया। यह ना इंसाफी नहीं तो और क्या है। गोल्ड मैडल चैम्पियन को अंधेरे में रखकर सिल्वर मेडल विजेता ही नहीं बल्कि दूसरे को भी ध्यानचन्द अवार्ड दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद वह अपमानित महसूस कर रही है।
खुशी ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि मामले में कोच डी आर साहू से चर्चा की। लेकिन उन्होने कहा कि ठेकेदारी नहीं करते हैं। ध्यानचन्द अवार्ड किसको दिया जाता है और क्यों दिया जाता है। इस बात की जानकारी उन्हें नहीं है। ना ही मेरा ठेका ही है।
खुशी के माता पिता ने भी खुशी के कोच डीआर साहू पर अपमानित करने आरोप लगाया। माता पिता ने बताया कि बच्ची का हौंसला टूट रहा है। कलेक्टर से गुहार है कि खुशी के खिलाफ साजिश करने वाले कोच और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें।
भाजपा नेता चन्द्र प्रकाश सूर्या ने भी कहा कि प्रतिभाओं का सम्मान किया जाना जरूरी है। लेकिन कोच और अन्य लोगों ने साजिश कर दलित प्रतिभावान बच्ची की प्रतिभा से खिलवाड़ किया है। इस अपमान को हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। खुशी को न्याय दिलाकर ही रहेंगे। साथ ही प्रशासन से मांग करते हैं कि भ्रष्ट कोच के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अऩ्यथा अन्याय के खिलाफ हम सड़क पर उतरने को तैयार हैं।