ऑनलाइन प्रविष्टि हेतु पोर्टल प्रारंभ करने प्रतिदिन एक हजार जुर्माना वसूल करना अनुचित- फेडरेशन
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर के पत्र क्रमांक D-537/परीक्षा/2024 रायपुर दिनाँक 1/10/24 के द्वारा परीक्षा वर्ष 2025 हेतु विद्यार्थियों के ऑनलाइन प्रविष्टि हेतु पुनः पोर्टल प्रारंभ करने के लिये विलम्ब शुल्क प्रतिदिन ₹ 1000 के दर से जुर्माना वसूल करने के आदेश अव्यवहारिक एवं प्रताड़नापूर्ण बताया है।
फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं ज़िला अध्यक्ष विनोद गुप्ता जशपुर का कहना है कि यह आदेश को शासकीय स्कूलों के लिए राज्य शासन के कल्याणकारी नीति के विरुद्ध है।
फेडरेशन ने मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव,शिक्षा सचिव, संचालक लोक शिक्षण एवं सचिव छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल को ईमेल भेजकर कड़ा आपत्ति दर्ज किया है।
फेडरेशन के कहना है कि 31जुलाई तक शाला प्रवेश का अंतिम तिथि होता है। कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक प्रवेशित विद्यार्थियों का ऑनलाइन प्रविष्टि 31 अगस्त तक बोर्ड द्वारा निर्धारित किया गया है।
लेकिन शासकीय विद्यालयों में अधिकांश विद्यार्थी गरीब परिवार से आते हैं। विद्यार्थियों के माता-पिता मेहनत मजदूरी कर,परिवार का पालन पोषण करते हैं।आर्थिक तंगी के फलस्वरूप स्कूल में प्रवेश के निर्धारित समय में अपने बच्चों का प्रवेश शुल्क एवं बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा करने में असमर्थ रहते हैं।
लेकिन राज्य शासन के मंशा अनुसार,सबको शिक्षा देने के उद्देश्य से स्कूलों के प्राचार्य,विद्यार्थियों को शिक्षा की धारा से जोड़े रखने प्रवेश दे देते हैं।कुछ मामलों में प्राचार्य/शिक्षक विद्यार्थियों का फीस जमा करते हैं।लेकिन बहुतायत मामलों में यह संभव नहीं हो पाता है।
जिसके कारण अनेक मामलों में विद्यार्थियों की ऑनलाइन प्रविष्टि चाहकर भी निर्धारित समय में नहीं हो पाता है।ऐसे परिस्थिति में यदि ऑनलाइन प्रविष्टि में देरी के कारण विद्यालयों से जुर्माना वसूला जाएगा तो भविष्य में यह प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के हित में नहीं होगा।
फेडरेशन का कहना है कि पोर्टल को खोलने के लिए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर के द्वारा दिनाँक 31/8/24 के पश्चात संबंधित संस्था (स्कूलों) से मण्डल को पत्र प्राप्ति तिथि अथवा जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त एकजाई सूची दिनाँक 25/9/24 तक प्रति दिवस ₹ 1000 के दर से जुर्माना वसूला जा रहा है। अथार्त 25 दिवस का ₹ 25000 जुर्माना ।
जोकि शासकीय विद्यालयों के लिये अव्यवहारिक एवं प्रताड़नापूर्ण है।उल्लेखनीय है कि अशासकीय विद्यालयों का भी कमोबेश यही स्थिति है।
फेडरेशन के कहना है कि छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल का विद्या पोर्टल vidia.cgbse.nic.in में शालावार शिक्षक संवर्ग एवं विद्यार्थियों की जानकारी प्रविष्ट करने का कार्य करना होता है।
कभी-कभी कंप्यूटर/इंटरनेट में तकनीकी खराबी के कारण कार्य प्रभावित होता है।युडाइस एंट्री (udise),स्कॉलरशिप और बोर्ड कार्य एक ही समय सीमा में किये जाने के कारण कार्यभार बढ़ जाता है।संस्था में संसाधनों की कमी तथा तकनीकी जानकर कर्मचारी (कम्प्यूटर ऑपरेटर) के अनुपलब्धता के कारण तकनीकी त्रुटि हो जाता है। *बोर्ड के प्रशासकीय एवं वित्तीय समिति को मैदानी क्षेत्र के समस्याओं के दृष्टिगत निर्णय लेना चाहिये। शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों से नाम मात्र वार्षिक शुल्क शासन के आदेशानुसार लिया जाता है।
विद्यालय के अनेक कार्यप्रयोजन, शासन से प्राप्त आबंटन पर निर्भर रहता है। सेजस स्कूलों में फीस का प्रावधान ही नहीं है। सम्पूर्ण कार्य शासन से आबंटन पर निर्भर रहता है। ऐसे स्थिति में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा भारीभरकम जुर्माना लगाया जाना अनुचित है।बोर्ड को ऑनलाइन प्रविष्टि हेतु पोर्टल को निशर्त खोलना चाहिये। अन्यथा क्या प्राचार्य/शिक्षक बोर्ड के जुर्माना को अपने जेब से भरेंगे ?