दिल्ली।जेसीबी मशीन (JCB Machine) और बुलडोजर (Bulldozer) सियासी वजहों से चर्चा में हैं. कंस्ट्रक्शन (Construction) और डिस्ट्रक्शन (Destruction) दोनों मकसदों के लिए इसका इस्तेमाल होता है. एक पीले रंग की मशीन जो अक्सर सड़कों पर नजर आ जाती है, हमेशा से इसका कलर पीला नहीं रहा है.
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शुरुआती दिनों में जेसीबी मशीन का रंग सफेद और लाल होता था. कुछ साल बाद जेसीबी के रंग में बदलाव कर दिया गया. बदलाव की जरूरत तब महसूस हुई जब इसका इस्तेमाल व्यापक स्तर पर होने लगा. तब जेसीबी कंपनी को लगा अब इसके रंग में बदलाव की जरूरत है.
जब जेसीबी का रंग सफेद और लाल हुआ करता था तब कंस्ट्रक्शन साइट्स पर दूर से यह मशीन नजर नहीं आती थी. धीरे-धीरे कंपनी ने यह प्रयोग करने की कोशिश की अगर इसका रंग पीला कर दिया जाए तो यह दूर से ही नजर आएगी. खुदाई वाली जगहों पर यह मशीन बहुत दूर से नजर आ सकती है. चाहे रात में या दिन में इसे दूर से देख पाना आसान हो जाता है. ऐसे में लोग दूर से देख कर समझ सकते हैं कि जहां यह मशीन खड़ी है वहां खुदाई या दूसरा निर्णाम काम चल रहा है. रंग बदलने की बड़ी वजह यही थी
किस देश का ब्रांड है जेसीबी?
जेसीबी एक ब्रिटिश मैन्युफैक्चरर कंपनी है. यह कंपनी कृषि, निर्माण और डिस्ट्रक्शन से जुड़े क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन करती है. इसकी स्थापना 1945 में हुई थी. कंपनी का हेड ऑफिस इग्लैंड के स्टैफ़र्डशायर के रोसेस्टर क्षेत्र में हैं. अब दुनियाभर के कई देशों में इसके मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स हैं. भारत में भी इसका निर्माण होता है.
जेसीबी दरअसल कंपनी का नाम है. इस मशीन का नाम Backhoe Loader है. जेसीबी नाम इसके फाउंडर के नाम पर पड़ा है. जेसीबी का नाम कंपनी के फाउंडर जोसेफ सिरिल बामफोर्ड के नाम पर पड़ा है. उनके नाम का शॉर्ट नेम JCB बन गया. भारत में इसी नाम से इस मशीन को जाना जाता है.देश में अलग-अलग रेंज में जेसीबी मशीन बिकती है. सामान्य तौर पर इंजन की क्षमताओं के मुताबिक इसकी कीमत 20 लाख से लेकर 50 लाख तक के बीच में होती है.