VIDEO-पढ़िए पूरी कहानी…ज्वैलरी शॉप गोली कांड के आरोपी अपनी किस चूक के कारण छोड़ गए थे पुलिस के लिए सुराग…?और आख़िर लूट मे क्यों नहीं हो सके थे कामयाब..?

Chief Editor
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बिलासपुर। जुर्म जरायम की दुनिया में एक बात हमेशा कही जाती है कि अपराधी कोई न कोई ऐसा सबूत छोड़ जाता है ,जिसके जरिए उस तक पहुंचना आसान हो जाता है। नेचर सिटी – सकरी में 25 जनवरी की रात ज्वेलरी शॉप में हुई लूट की कोशिश और गोली कांड के आरोपियों की कहानी भी इससे मिलती-जुलती है। वारदात के बाद भागते हुए आरोपियों के हाथ से एक बैग छूट गया था , जिसमें मिले नंबर प्लेट के सहारे पुलिस एक आरोपी तक पहुंच गई। जिसके बाद सभी पांच आरोपियों तक पहुंचने का रास्ता बनता गया। हालांकि इस पूरे मामले में आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस को छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक जाल बिछाना पड़ा। इस दौरान एक आरोपी ने पुलिस टीम पर हमला भी कर दिया। लेकिन पुलिस ने जिस तरह वारदात के सिर्फ 4 दिन के भीतर मामले के आरोपियों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की है ,उसे देखते हुए पुलिस को शाबाशी भी मिल रही है। पूरे वारदात की छानबीन में यह बात भी सामने आई है ज्वेलरी शॉप के संचालक आलोक सोनी की बहादुरी ने बड़ी घटना को बचा लिया और आलोक ने जिस तरह लुटेरों से मुकाबला किया, उससे एक बड़ी घटना टल गई।

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जैसा कि मालूम है कि पिछले 25 जनवरी की रात 7:55 बज़े सकरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत नेचर सिटी के करीब सती श्री ज्वेलर्स की दुकान में अचानक चार नकाबपोश पहुंचे। नकाबपोश आरोपियों ने एक साथ घुसकर डकैती की कोशिश की। ज्वेलर्स शॉप के संचालक आलोक सोनी ने नकाबपोश लोगों का मुकाबला किया । जिसके बाद आरोपियों ने गोली चला कर आलोक सोनी को घायल किया और भाग खड़े हुए। गणतंत्र दिवस के ठीक पहले की रात को हुई इस वारदात से शहर में सनसनी फैल गई थी । इस लिहाज से यह घटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई थी । पुलिस ने बिलासपुर सहित पड़ोसी जिले गौरेला- पेंड्रा- मरवाही, मुंगेली में  भी नाकेबंदी की साथ ही मौके पर फॉरेंसिक साइंस को बुलाकर छानबीन शुरू की गई। लेकिन पुलिस को चकमा देकर भागने में नकाबपोश  कामयाब रहे ।वारदात के कुछ मिनटों के बाद ही सती श्री ज्वेलर्स का वह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था । जिसमें पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई थी। लोगों ने साफ-साफ देखा कि चार नकाबपोश भीतर घुसे थे और दुकान संचालक का कॉलर पकड़ा। दुकान संचालक आलोक सोनी ने नकाबपोशों का मुकाबला किया जिससे एक नकाबपोश जमीन पर गिर पड़ा था। दुकान संचालक के विरोध को देखते हुए नकाबपोश मौके से भाग गए थे। लेकिन इस अफरातफरी में उनका एक बैग ज्वेलरी शॉप में ही छूट गया था।

छानबीन पर पुलिस को उसमें एक नंबर प्लेट मिला। जिसके सहारे पुलिस एक आरोपी तक पहुंच गई। इस आरोपी तक पहुंचने के लिए पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ी और गांजा खरीदने के नाम पर उसे झांसे में लेकर जाल बिछाया गया। शातिर अपराधी ने कई बार मिलने का वक्त बदला और मुलाकात की जगह भी बदलता रहा। लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से वह पुलिस को चकमा देने में कामयाब नहीं हो सका।  हालांकि पुलिस जब उसके नजदीक पहुंची तो उसने रोकने की कोशिश भी की और आरक्षक विकास यादव, संजीव जांगड़े पर हमला करने की कोशिश भी की। लेकिन एसआई जितेश सिंह की मदद से आरोपी को पकड़ लिया गया। एक आरोपी के पकड़ने के बाद उसके बयान के आधार पर पुलिस झारखंड के रामगढ़ जिले के आरोपियों तक पहुंच गई ।

पुलिस ने पहले बिलासपुर में तालापारा निवासी 40 साल के दिनेश बांधेकर को पकड़ा। इसके बाद बिलासपुर से ही मगरपारा मरार गली से 39 साल के राजू साहू को पकड़ने में कामयाबी मिली। आरोपियों के जरिए पुलिस झारखंड के थाना पतरातू से 39 साल के मोहम्मद मजहर अंसारी, 24 साल के जितेंद्र शर्मा और 22 साल के मोहम्मद नजीर अंसारी तक पहुंचने में भी कामयाब रही । पकड़े जाने के बाद पता चला कि दिनेश बांधकर 15 साल तक फ़ौज़ में रहा । वहां से आने के बाद अपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया । अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सती श्री ज्वेलर्स में लूट की साजिश रची गई। कई दिन की रेकी के बाद वारदात के दिन सभी दुकान में पहुंचे। दो लोग बाहर गाड़ी तैयार कर रखे हुए थे और 4 लोग दुकान के भीतर दाखिल हुए। एक आरोपी ने बताया की वह दुकान में लूटपाट के इरादे से घुसे थे ।

उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी कि दुकान संचालक आलोक सोनी के विरोध का सामना करना पड़ेगा। दुकान संचालक की बहादुरी देखकर उन्हें तुरंत अपना फैसला बदलना पड़ा। गोली चलाने के बाद सभी दुकान से बाहर आए और झारखंड के आरोपी पत्थलगांव- गुमला के रास्ते झारखंड की ओर फरार हो गए। इस तरह मामले में कुल 6 लोग शामिल थे । पांच की गिरफ्तारी हो चुकी है। छठवां आरोपी फरार है । जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी दिनेश बांधेकर से एक कट्टा, दो कारतूस ,घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल स्प्लेंडर, पहने हुए कपड़े और खून आलूदा जूते बरामद किए हैं। इसी तरह नसीर अंसारी से एक कट्टा और तीन कारतूस मिले हैं। राजू साहू के पास से घटना में प्रयुक्त नीले रंग की सीडी डीलक्स मोटरसाइकिल बरामद की गई है।

घटना के वारदात के सिर्फ 4 दिन बाद आरोपियों तक पहुंचने में बड़ी काम पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है । जिसमें बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल के दिशा निर्देशन में एएसपी उमेश कश्यप ,सीएसपी आर एन यादव के अलावा इंस्पेक्टर कलीम खान ,प्रदीप आर्य, परिवेश तिवारी ,समीप रात्रे ,सब इंस्पेक्टर सागर पाठक, मनोज नायक, अजय वारे, फैजुल होदा शाह, प्रभाकर तिवारी ,रविंद्र यादव ,एएसआई जितेश सिंह, हेमंत आदित्य ,ओम प्रकाश परिहार, अवधेश सिंह ,भरत राठौर ,हेड कांस्टेबल अशोक कश्यप ,धनेश साहू ,शोभित केवट ,कांस्टेबल विकास यादव ,सरफराज खान, दीपक उपाध्याय, गोविंद शर्मा, दीपक यादव, देवेंद्र दुबे, मुकेश शर्मा, शैलेंद्र साहू ,सुनील पटेल ,सोनू पाल ,प्रमोद, सतीश यादव,  वीरेंद्र साहू,मालिक राम साहू ,अतुल सिंह, राकेश बंजारे ,धर्मेंद्र साहू ,ईश्वरी कश्यप की भूमिका सराहनीय रही।आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। जिसमें और भी मामलों का ख़ुलास़ा होने की उम्मीद है।

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