धमतरी-रविशंकर सागर जलाशय परियोजना गंगरेल के प्रभावित, जिन्हें जोगीडीह में विस्थापित किया गया, उनके बीच आज दोपहर 12 बजे कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य राजस्व अमले के साथ पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों के बीच पहुंच उनकी समस्या सुनते हुए सबसे पहले अगले 15 दिनों में राजस्व विभाग के अमले से सर्वे कराकर वास्तविक कब्जे के आधार पर शेष बचे 76 लोगों को भी भू-स्वामी हक का पत्र देने के निर्देश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी को दिए। इसे राजस्व ग्राम के रूप में घोषित किए जाने की लंबे समय से की जा रही मांग के मद्देनजर कलेक्टर ने यहां जल्द जी.पी.एस. सर्वे कराने के लिए आई.आई.टी. रुड़की से पत्र व्यवहार करने के भी निर्देश दिए हैं। ज्ञात हो कि जी.पी.एस. में विस्तृत सर्वे होगा, जिसमें वास्तविक कब्जे के आधार पर नक्शे को चिन्हांकित कर अलग से खसरा नंबर देते हुए ग्रामीणों को भू-स्वामी हक का पत्र जारी किया जाएगा। सर्वे और दावा-आपत्ति मंगाकर निराकरण करने के बाद अभिलेख अधिकार तैयार किया जाएगा और राजपत्र में इसे राजस्व ग्राम के रूप में घोषित किया जाएगा। राजस्व ग्राम बनने से ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिलने में सुविधा होगी।
गौरतलब है कि बागोडार का पारा जोगीडीह 1580.20 एकड़ में बसा है। यहां 110 परिवार बसे हैं और इसकी कुल आबादी 500 है। रविशंकर जलाशय परियोजना गंगरेल के विस्थापित यहां भी बसाए गए थे। उस वक्त जिनकी काश्त भूमि थी, उन्हें पांच एकड़ और जिनका मकान था, उन्हें ढाई एकड़ का प्लॉट आबंटित किया गया। वन से जल संसाधन, फिर राजस्व विभाग को जोगीडीह हस्तांतरित हुआ और गंगरेल प्रभावित परिवार यहां बसने लगे। बताया गया है कि अब तक 176 में से लगभग 100 को भू-स्वामी हक का पत्र मिल चुका है, शेष 76 शासकीय पट्टाधारियों को भी अगले 15 दिनों में उनके वास्तविक कब्जा के आधार पर भू-स्वामी हक का पत्र दिया जाएगा।