20 Feb 2021
हमला से नाराज एकजुट हुए पत्रकार.. प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग..थाना घेरा

सूरजपुर–धान खरीदी केन्द्र रिपोर्टिंग करने गए पत्रकार चंद्र प्रकाश साहू के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकारों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
सूरजपुर जिले में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धान संग्रहण केन्द्र की रिपोर्टिंग करने गए स्थानीय पत्रकार के साथ मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। चन्द्रप्रकाश साहू 16 फरवरी को बारिश से भीग रहे धान की रिपोर्टिंग करने आदिम जाति सेवा सहकारी समिति गए। इसी दौरान समिति प्रबंधक मोहन राजवाड़े के इशारे पर गुंडों ने पत्रकार पर हमला कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकारो के बीच घटना को लेकर जमकर आक्रोश सामने आ रहा है।
घटना के खिलाफ सरगुजा संभाग के पत्रकारों ने एकजुटता दिखाते हुए सोसायटी प्रबंधक मोहन राजवाड़े और गुर्गों की गिरफ्तारी को लेकर थाना कोतवाली का घेराव किया। पत्रकारों के लगातार दबाव के बाद पुलिस प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ मामूली धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर गिरफ्तार किया है। लेकिन पत्रकारों ने पुलिस कप्तान से मिलकर मोहन राजवाड़े और उसके गुर्गेों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147,148, 149 और 392 को जोड़ने की मांग की है।
लागू किया जाए पत्रकार सुरक्षा कानून
घटना की निन्दा करते हुए छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राज गोस्वामी ने कहा कि बीजापुर में पत्रकार गणेश मिश्रा और लीलाधर राठी को माओवादियों ने पत्र जारी कर जान से मारने की धमकी दी है। इसके बाद सूरजपुर में पत्रकार पर हमला से जाहिर हो गया है कि राज्य के सभी कलमकारों की जिन्दगी खतरे में है।
राज गोस्वामी ने कहा कि इन तमाम घटनाओं से जाहिर होता है कि सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर कहीं से भी चिंतित नहीं है। संगठन ने फैसला किया है कि पत्रकार सुरक्षा अधिनियम को लागू करने सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। क्योंकि जब तक पत्रकार सुरक्षित नहीं होगा..तब तक रिपोर्टिंग का काम जोखिम भरा है।
राज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ मारपीट के बाद सुरजपुर में चंद्र प्रकाश साहू के साथ हुई घटना भले ही अलग अलग कारणों से हुई हो। लेकिन दोनों घटनाओं का उद्देश्य पत्रकारों को प्रताड़ित करना और कलम को रोकना है।
घटनाक्रम की जानकारी
घटना को लेकर पत्रकार चंद्र प्रकाश साहू ने बताया कि 16 फरवरी को बारिश की वजह से धान के भीगने की जानकारी मिली। इसके बाद रिपोर्टिंग करने कृषि उपज मंडी परिसर स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति संग्रहण केंद्र गया। इसी दौरान समिति प्रबंधक मोहन राजवाड़े ने रिपोर्टिंग रूकवाने 15 से 20 गुंडों से हमला करवा दिया। गुंडों ने कैमरा छीना। पाकेट से कुछ रुपये भी लूट लिए। दो घंटे तक बंधक बनाकर भी रखा। चन्द्रप्रकाश ने बताया कि मारपीट घटनाक्रम के दौरान राजवाड़े के गुंडो ने धान की छल्ली के नीचे फेकने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीणों के बीच बचाव से वग बच गया।
जिला प्रशासन से असहयोग
राज गोस्वामी ने बताया कि गुरुवार को पत्रकारों की टीम आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर को जानकारी दी। लेकिन इस दौरान कलेक्टर का व्यवहार काफी प्रताड़ित करने वाला रहा। बातचीत के दौरान ऐसा लगा कि सोसायटी प्रबंधक को जिला प्रशासन बचाने का प्रयास कर रहा है। इसलिए अब पत्रकारों ने फैसला किया है कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता है। जिला प्रशासन का विरोध किया जाएगा।
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