कबड्डी खेल संस्कृत का हिस्सा.समापन कार्यक्रम में बोले कांग्रेस नेता..सार्क देशों में भारत की तूती..खिलाड़ियों ने किया प्रदेश का नाम रोशन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कबड़़्डी हमारी परम्परागत खेल का अहम हिस्सा है। सदियों से देश में कबड्डी को खेल में अहम् स्थान भी हासिल है। सार्क देश की टीम एशिया स्तर पर कबड्डी प्रतियोगिता में भारत अजेय टीम है। यह बाते रुतनपुर के पोड़ी गांव में आयोजित राज्यस्तरीय कबड़्डी प्रतियोगिता समापन कार्यक्रम में मुख्य आसंदी से जिला कांग्रेस अध्यक्ष केशरवानी ने कही। विजय केशरवानी ने इस दौरान राज्य के आए सभी खिलाड़ियों के प्रति आभार जाहिर किया। साथ  ही खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें क्रिकेट हाकी और फुटबाल की दुनिया में कबडड्डी खेल को फलते फूलते देखकर बहुत खुशी हुई है। और शासन से हमारी मांग भी है कि देश के सनातन खेल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए।
     
                  रतनपुर के ग्राम पोड़ी में पांच दिवसीय राज्यस्तरीय कबड़्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी 27 जिलों की 24 टीमों ने हिस्सा लिया। फायनल मुकाबला देवरीखुर्द और कोटा के बीच खेला गया। कोटा की टीम ने देवरीखुर्द को हराकर प्रतियोगिता को अपने नाम की। समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि विजय केशरवानी ने भी शिरकत किया। समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने किया।
   
                   इस दौरान मुख्य अतिथि विजय केशरवानी और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा समेत विशिष्ट अतिथि विशिष्ट अतिथि अजय श्रीवास्तव,-आदित्य दीक्षित,रमेश सूर्या,महेश दुबे ,रमाकांत मरकाम (सरपंच) ज्योति भानु कश्यप ने खिलाड़ियों से मिलकर परिचय हासिल किया। 
 
           अपने भाषण में विजय केशरवानी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत की पहचान दुनियां में सदियों से मेहनतकश के रूप में रही है। यह पहचान आज भी कायम है। इसका श्रेय हमारी परम्परागत खेलों को भी जाता है। इसमें से एक खेल कबड्डी भी है। आज भी गांव और शहर में कबड़्डी प्रतियोगिता  का आयोजन मौसम के अनुसार किया जाता है। यह हमारी मनोरंजन परम्परा में सदियों से शामिल है। 
 
                      केशरवानी ने कहा कबड़डी प्रतियोगिता में बल, चुतरता और फुर्तिलापन को विशेष स्थान हासिल है। और यह भी सब जानते हैं इन तीनों गुणों का मानव जीवन में अहम स्थान है। खुद स्वामी विवेकानन्द कबड़्डी के अच्छे खिलाड़ी हुआ करते थे। केशरवानी ने बताया हमें बताने में खुशी है। दक्षिण एशिया में सार्क देशों के बीच कबड़़्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। एशियन गेम्स में कबड्डी प्रतियोगिता का  आयोजन हो चुका है। जहां सार्क देशों में भारत हमेंशा से कबड़़डी चैम्पीयन है। वहीं एशियन गेम्स में भारत को कबड्डी प्रतियोगिता में विशेष स्थान हासिल है। उन्होने कहा आज कोरिया चीन और जापान भी कबड़्डी को प्राथमिक खेल कैलेन्डर में शामिल किया है। इसकी मुख्य वजह इस खेल की गति और सोचने समझने की क्षमता को जाता है। 
 
          केशरवानी ने बताया कि हमारी सरकार परम्पराओं की पोषक है। हमारी गुजारिश होगी कि कबड्ड़ी खेल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाए। उन्होने यह भी कहा कि हमारे पास जानकारी है कि पुलिस में खेल कोटे से शामिल ज्यादातर जवान कबड्डी खेलने वाले ही है। हमारा बिलासपुर कबड्डी खिलाड़ी पैदा करने में प्रदेश मे अग्रणी है।
 
                    अंकित गौरहा ने अध्यक्षी उद्बोधन किया। उन्होने काह हमारी सरकार हमेश खेल, खिलाड़ी और परम्पराओं की पोषक रही है। छत्तीसगढ के कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय कबड़्डी में नेतृत्व कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस प्रकार के आयोजन से समाजिक सौर्द्धता को बल मिलता है। जैसा की मुख्य अतिथि ने बताया कि सदियों से कबड्डी का हमारी खेल संंस्कृति में विशेष स्थान हासिल है। उम्मीद है यह परम्परा कायम रहेगी।
    
               इस दौरान मंचीय कार्यक्रम का संचालन  हेमंत सिंह क्रांति ने किया। कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्य यासीन खान , अरुण दुबे ( बिट्टू) राजा यादव , अवधेश दुबे , बिन्नू यादव , फूल सिंह भानु , योगेश सिरसो , कदीर खान,कृष्णा साहू , विनोद ध्रुव सरपंच लालपुर , रामनारायण श्रीवास , संतोष यादव ,समेत स्थानीय लोग विशेष रूप से मौजूद थे। इसके अलावा ग्रामीणों ने कबड़्डी का भरपूर आनन्द लिया। 
 
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