जयपुर। पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान से थोड़ा पहले ही पंजाब पुलिस में बड़ा बदलाव हुआ है. यहां मौजूदा डीजीपी (DGP) को हटाकर वीरेश कुमार भावरा को पुलिस की कमान सौंपी गई है. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने यूपीएससी से आए पैनल में से लम्बे सोच-विचार के बाद 1987 बैच के आईपीएस वीके भावरा (IPS VK Bhawra) को डीजीपी बनाए जाने पर अपनी मुहर लगाई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की सुरक्षा में सेंध के मामले के बाद डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की रवानगी हुई है. पंजाब के नए डीजीपी वीके भावरा का राजस्थान की माटी से भी गहरा नाता रहा है. राजस्थान (Rajasthan News) में जन्मे और शुरुआती पढ़ाई करने वाले भावरा ने सरकारी स्कूल से लेकर आईपीएस (IPS) बनने तक के सफर में खूब मेहनत की. भावरा के डीजीपी बनने के बाद उनके साथ ही भरतपुर के बयाना में रहने वाले उनके पत्रकार भाई योगेश भावरा को भी बधाईयां मिल रही हैं.
सरकारी स्कूल में पढ़े, दसवीं कक्षा में मेरिट में बनाई जगह
पंजाब के नए डीजीपी (Punjab New DGP) वीके भावरा राजस्थान के सरकारी स्कूल में पढ़े हैं. मई 1964 को भरतपुर के बयाना में गोपालराम भावरा और शारदा देवी के परिवार में जन्मे भावरा को बचपन से ही मेहनत के संस्कार मिले. उनके पिता गोपालराम पेश से वकील थे और राजस्थान बार काउंसिल (The Bar Council of Rajasthan) के सदस्य भी रहे.
अपने गांव बयाना के ही सरकारी स्कूल से उन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरूआत की. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बयाना में शुरूआती पढ़ाई के दौरान भावरा की योग्यता का अंदाजा उनके शिक्षकों को होने लगा था. उन्होंने दसवीं और ग्यारहवीं कक्षा में प्रदेश में मेरिट में जगह बनाई थी. साइंस-मैथ्स से राजस्थान बोर्ड की ग्यारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में मेरिट में आने के बाद भावरा की यात्रा का अगला पड़ाव कुरूक्षेत्र में रहा. यहां कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की. BHEL में नौकरी के दौरान की आईपीएस की तैयारी, 1987 के बैच में हुआ सलेक्शन.
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (Kurukshetra University) से बीटेक की पढ़ाई करने के बाद वीके भावरा ने जल्द ही भेल में नौकरी जॉइन कर ली. भारत सरकार की नवरत्न कम्पनियों में शुमार BHEL की भोपाल यूनिट में इन्जीनियर के रूप में काम करते हुए भी भावरा ने लगातार तैयारी जारी रखी. भेल की नौकरी भावरा को ज्यादा समय तक बांध नहीं पाई और पहले ही प्रयास में उनका आईपीएस में चयन हो गया. भावरा को पंजाब कैडर मिला जहां अपनी सेवा के दौरान वे गुरुदासपुर और मानसा ज़िलों में एसएसपी रहे तो कैप्टन अमरिन्दर सिंह (Capt Amarinder Singh) के क्षेत्र पटियाला में पुलिस महानिरीक्षक के पद पर भी काम किया. राजस्थान के डीजीपी (Rajasthan DGP) एमएल लाठर के बैचमेट हैं भावरा, राजीव दासोत और उमेश मिश्रा से भी अच्छी ट्यूनिंग रही.
चार भाई-बहनों में से अकेले वीके भावरा सरकारी सेवा में, पत्नी भी ऑल इण्डिया सर्विस में है
बयाना में जन्में वीके भावरा (vk bhawra dgp) अपने चार भाई-बहनों में से इकलौते ऐसे हैं जो सरकारी सेवा में पहुंचे हैं. भावरा के छोटे भाई योगेश भावरा राजस्थान में पत्रकार हैं जो कि हरियाणा और भरतपुर के साथ ही राजधानी जयपुर में भी काम कर चुके हैं. पिछले साल पिता गोपालराम के निधन के बाद से ही योगेश भी बयाना ही रहकर परिवार को संभाल रहे हैं. वीके भावरा की पत्नी अंजलि भावरा भी ऑल इण्डिया सर्विस की अधिकारी हैं.
1988 बैच की आईएएस अंजलि फिलहाल केन्द्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मन्त्रालय में सचिव के रूप में काम कर रही हैं. भावरा की दो बहनें भी हैं जो अब नोएडा में रहती हैं. डीजीपी भावरा के पुत्र सिद्धार्थ भी फिलहाल दिल्ली में ही एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में काम कर रहे हैं. भावरा को डीजीपी बनाए जाने की खबर से उनके गांव में भी खुशी का माहौल है. गांव वालों ने भावरा परिवार को बयाना की माटी के लाल की इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और भावरा परिवार ने भी लोगों का मुंह मीठा कराया.