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हाईकोर्ट आदेश पर भारी कोनी पटवारी…अटेन्डर चलाता है हल्का कार्यालय..पल में देता है रिकार्ड की जानकारी

   बिलासपुर— हाईकोर्ट कर भी क्या सकता है….निर्णय और आदेश के अलावा….मानना या ना मानना प्रशासन की मर्जी….। कोनी पटवारी इस बात को अच्छी तरह जानता है कि हाईकोर्ट के कहने से कुछ होना जाना नहीं है। चूंकि कोनी पटवारी राजस्व के कुछ आलाधिकारियों के गुडबुक में है। इसलिए पटवारीगिरी का काम गैर शासकीय अडेन्डर से करवाता है। मजेदार बात है कि इस दौरान पटवारी अपने कार्यालय में नहीं होता है। सारा रिकार्ड टेबल पर विखरा रहता है। इस दौरान रिकार्ड के साथ कुछ भी हो सकता है।

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                 हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि कार्यालयों में गैर शासकीय लोगों से काम लेना अपराध है। बावजूद इसके कोनी पटवारी विभव सिंह हाईकोर्ट के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। गैर शासकीय लेकिन चहेते अन्डेन्डर महेन्द्र से राजस्व का वह सभी काम लेते है..जिसे लेकर हाईकोर्ट को एतराज है।  यह जानते हुए भी कि गैर शासकीय ही नहीं बल्कि गैर विभागीय कर्मचारियों को भी बिना इजाजत रिकार्ड देखने के साथ कार्यालय में जिम्मेदार कर्मचारी की अनुपस्थिति में प्रवेश वर्जित है।

                              बिलासपुर में कोनी पटवारी हल्का को सभी पटवारी पाना चाहते हैं। वर्तमान में कोनी हल्का के पटवारी विभव सिंह हैं। जानकारी के अनुसार विभव सिंह के घर से एक सदस्य रसूखदार पोस्ट पर पदस्थ हैं। शायद यही कारण है कि विभव को प्रशासन और हाईकोर्ट के निर्देशों का परवाह नहीं है। ग्रामीणों की मानें तो भगवान को पाना आसान है लेकिन कोनी पटवारी का दर्शन दुर्लभ है। शासन के आदेश के बाद भी विभव सिंह पटवारी हल्का कार्यालय में दिन भर तो दूर घंटे दो घंटे भी नहीं बैठते है। सारा काम अडेंडर के हवाले कर कार्यालय से गायब हो जाते हैं। अटेन्डर महेन्द्र पल भर में नक्शा.पी-1,पी1  से लेकर जाति,आय निवास प्रमाण पत्र तैयार कर देता है।

                                       सीजी वाल टीम ने ग्रामीणों के आक्रोश के मद्देनजर पता लगाने का प्रयास किया कि इसमें कितनी सच्चाई है कि कोनी पटवारी विभव सिंह हल्का कार्यालय से गायब रहते हैं। मौके पर आरोप को सही पाया गया। अटेन्डर का नाम हो सकता है कि दूसरा कुछ भी हो। लेकिन सीजी वाल ने पाया कि पटवारी विभव सिंह का अटेन्डर धड़ल्ले से सरकारी साइट खोलकर खसरा.बी-1,पी-1,नक्शा और नामांतरण का काम कर रहा है। बातचीत के दौरान सीजी वाल को विभव सिंह के अटेन्डर ने बताया कि पटवारी साहब का सारा काम मैं ही करता हूं। वे केवल दस्तखत करते हैं। नक्शा की कापी भी मैं ही तैयार करता हूं। क्योंकि पटवारी साहब के पास काम बहुत हैं इसलिए मुझे ही करना पड़ता है।

ग्रामीणों में आक्रोश

                         ग्रामीणो ने बताया कि पटवारी साहब कार्यालय में कुछ घंटे ही समय देते हैं। जिसके कारण एक दिन का काम दस दिन में होता है। सरकार का आदेश है कि सोमवार और मंगलवार को सभी पटवारियों को हल्का कार्यालय में बैठना अनिवार्य है। लेकिन विभव सिंह पटवारी हल्का कार्यालय में बैठना तो दूर…यदि कार्यालय सोमवार को खुला तो मंगलवार को बंद रहता है। यदि खुलता भी है तो अडेऩ्डर ही नामांतरण से लेकर नक्शा की जानकारी देता है।

मामले में होगी कार्रवाई

                   राजस्व के एक आलाधिकारी ने बताया कि विभव की लगातार मिल रही है। कोई भी गैर विभागीय या शासकीय व्यक्ति पटवारी हल्का का कामकाज नहीं कर सकता । हाईकोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि गैर शासकीय व्यक्ति शासकीय कार्य नहीं कर सकता है। शासकीय दस्तावेज को भी बिना इजाजत नहीं देख सकता है। शासन का आदेशानुसार सभी पटवारियों को सप्ताह में दो दिन सोमवार और मंगलवार को हल्का कार्यालय में पूरे समय मौजूद रहना है। यदि कोनी पटवारी हल्का कार्यालय में नहीं रहते हैं। या कोर्ट के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं तो जांच होगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी।

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