LOCKDOWN-बिलासपुर में अज्ञाकारी सन्नाटे का पहला दिन..सड़क-चौराहे सब अपनी जगह..सख्त पहरे के बीच…सिर्फ मेडिकल दुकानों का ताला खुला

BHASKAR MISHRA
5 Min Read

बिलासपुर—-यद्यपि पिछले एक साल के बीच दूसरी बार 14 अप्रैल को बिलासपुर में भी सख्त लाकडाउन लागू हुआ। इस बार लाकडाउन कुछ ज्यादा ही सख्त है। लेकिन जनता में इसे लेकर  बेचैनी बिलकुल नहीं है। मतलब ऐसा लगा कि जैसे लोगों को इसका इन्तजार था। सड़क पर आज कोई फालतू घूमता नजर नहीं आया। इक्का दुक्का बड़ी और छोटी गाड़ियां जरूर धड़धड़ाती हुई निकली लेकिन पुलिस के सख्त  नजरों से होकर। सब कुछ जैसे संविधान सम्मत…इस दौरान कुछ देर तक ही सही..लेकिन ऐसा लगा कि हमारा बिलासपुर…आज सही मायनों में संविधान सभा के पुरोधा बाबा साहेब अम्बेडकर को पहली बार दिल से याद किया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                  14 अप्रैल को बिलासपुर शहर में लाकडाउन को साल में दूसरी बार लागू किया गया। इस बार का लाकडाउन कुछ ज्यादा ही सख्त है। लाकडाउन लागू होने से पहले तक कयास लगाया जा रहा था कि जनता की तरफ से इस बार पिछली लाकडाउन के अनुभवों के रास्ते कड़ी प्रतिक्रिया सामने आएगी।  लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। लाकडाउन लागू होते ही तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद रखने वालों को पता चला कि दरअसल इस बार ज्यादातर लोग पहले से ही सख्त आदेश को मानने के लिए तैयार बैठे थे।बताते चलें कि 14 अप्रैल को ही संविधान सभा के पुरोधा पुरूष बाबा साहेब अम्बेडकर की जयंति है। और आज का नजारा देखने के बाद मानों ऐसा लगा कि बिलासपुर ने सही मायनों में पहली बार बाबा साहेब के संविधान और आदर्शों का दिल से स्वागत किया है। मतलब कहीं कोई पंगा नहीं..और ना लाकडाउन को लेकर किसी प्रकार की दहशत। यानि संविधान जैसा चाहता है बिलासपुर वैसा ही आचरण करने को तैयार है। 

               लाकडाउन के पहले दिन हमेशा की तरह व्यस्त चौक चौराहे और कम व्यस्त सड़कें, कालोनी की गलियां….मतलब सभी जगह शांति का नजारा देखने को मिला। शांति का नजारा का मतलब… लोग आते जाते दिखे तो जरूर…लेकिन वहीं लोग जिन्हें निकलना बहुत जरूरी था। इस दौरान सड़कों पर कुछ चार पहिया और बड़े वाहनों के साथ दो पहिया वाहन भी बेधड़क भागते नजर आए। लेकिन पुलिस के सख्त नजरों से होकर। क्या नेहरू चौक, क्या गांधी और महाराणा प्रताप चौक, सुभाष चौक हो या मंगला चौक राजकिशोर नगर से लेकर तिफरा बाजार तक सभी जगह जगह  शांत और केवल शांत बिलासपुर दिखाई दिया।

                      मजेदार बात है कि लाकडाउन को लेकर इस बार बेचैनी कहीं नजर नहीं आयी। बल्कि लोगों ने अभी से कयास लगा लिया है कि यदि 30 अप्रैल तक कुछ इसी तरह का नजारा रहा तो कोरोना का चैन जरूर टूट जाएगा। और वातावरण भी साफ हो जाएगा।

              लाकडाउन के पहले दिन पूरे शहर में पुलिस का सख्त लेकिन शालीन पहरा नजर आया। हां इस दौरान एक मोटर सायल पर सवार तीन सवारियों ने पुलिस को उत्तेजित जरूर किया। पुलिस ने पीछा भी किया। एक बार ऐसा लगा कि मोटर सायकल सवार छकाने में कामयाब रहा। लेकिन मंगला चौक में धर दबोचा गया। उसके साथ वही हुआ जैसा होना चाहिए था। पेनाल्टी और समझाइश के साथ पहली गलती के लिए पुलिस ने माफ कर दिया।सुबह लाकडाउन को कसौटी पर कसने के लिेए कलेक्टर और प्रशासनिक अधिकारी के साथ पुलिस कप्तान और वरिष्ठ अधिकारियों ने शहर का भ्रमण किया। ठीक साढ़े ग्यारह बजे कलेक्टर डॉ.सारांश मित्तर ने अनोखे अंदाज में खुली सड़क पर पत्रकार वार्ता किया। तीखे और मीठे सवालों का जवाब दिया। व्यवस्था से जुड़ें कड़वे प्रश्नों को विनम्रता के साथ जवाब दिया । वहीं पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने भी शहर घूमकर ना केवल व्वस्था का जायजा लिआ। बल्कि आम जनता से शांति और सौहार्द्ध वातावरण बनाने की बात कही। 

           सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता तक कलेक्टर और पुलिस कप्तान के भ्रमण को हाथों हाथ लिया गया।पहले दिन के लाकडाउन में वैक्सीनेशन सेन्टर यथावत खुले रहे। उम्र दराज लोग चार पहिया से तो सामान्य लोग मोटरसायकल और पैदल पहुंचकर वैक्सीन लगवाया। कोविड टेस्ट सेन्टर में भी लोगों की भीड़ नजर आयी। कुल मिलाकर लाकडाउन के पहले दिन शहर में आज्ञाकारी सन्नाटा का नजरा देखने को मिला।    

close