ज़मीं अपनी…तो आसमाँ भी अपना.. बिलासपुर में बेजा तरीके से हो रहे कमर्शियल निर्माण..?

Chief Editor
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बिलासपुर । जमी अपनी तो आसमा भी अपना ..! यह जुमला बिलासपुर शहर में बन रहे निजी व्यावसायिक भवन निर्माण कार्यो पर सटीक बैठता है। शहर में चल रहे निजी निर्माण कार्यो के लिए टॉउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के मापदंडों पर निगम से स्वीकृत नक्शे से अधिक का निर्माण कार्य होता दिखाई दे रहा है। सरल शब्दों में समझा जाये तो एक हजार फुट की जमीन पर चार फुट का निर्माण लगता है। हवा पानी के लिए खिड़कियां तो दूर बेसमेंट पार्किग की जगह भी गायब हो गई है।शहर में निगम के मानक नियमो की कई जगह अनदेखी हो रही है। जिसकी वजह से भविष्य में शहर के बीच मे ही घनी बसाहट, पार्किंग की समस्या और लो वोल्टेज की परेशानी आने वाले समय में और भी गंभीर हो जायेगी।जिसकी वजह से आगजनी प्रकृतिक आपदा जैसी स्थिति में बचाव कार्य बेहद कठिन हो सकते है।

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शहर में हो रहे कथित स्वीकृत वैध निर्माण कार्यों की अनुमति देने और मॉनिटरिंग का जिम्मा सम्भाल रही नगर निगम बिलासपुर ने …. जमी अपनी तो आसमा भी अपना ..! इस जुमले को सच करके दिखाने ने कोई कसर नही छोड़ी है। नियम विरुद्ध हो रहे निर्माण कार्यो की कोई खोज खबर लेकर कोई बड़े स्तर पर कार्यवाही अब सुनाई नही दी है। निगम ने शिकायत के आधार पर कार्यवाही को ही अपना हथियार बना लिया है..। जबकि निगम के इंजीनियर सिर्फ शहर घूमने ही निकले तो किसी भी चल रहे निर्माण कार्य या बन चुके भवन को देख कर ही बता सकते है कि स्वीकृत अनुमति के विपरीत निर्माण कार्य हुआ है या नही ..। यह कोई बहुत बड़ा रॉकेट साइंस नही है।

कागजी शेर स्मार्ट सिटी बिलासपुर के व्यवस्थित विकास के दावे भी बहुत बड़े बड़े है। लेकिन जमीनी हालात कुछ इस कदर है कि शहर में ट्रैफिक घसीट घसीट कर रेंग रहा है । शहर के लगभग सभी सड़को के लेफ्ट साइड बेजा कब्जे में है। सड़को पर कब्जा कुछ इस तरह का है कि दस फुट की दुकान है और बारा फुट के फुटपाथ पर दुकान का समान फैला कर कब्जा बना हुआ है।जिस पर दस फुट की अवैध पार्किंग ने चौड़ी सड़क को गली नुमा कर दिया है। यह हालत शहर के सभी सड़को की करीब करीब ऐसी ही दिखाई पड़ती है।ठेले वालो ने तो रपटा पुलिया में ही दुकानदारी शुरू कर दी है।

शहर के प्रमुख व्यवसायिक और शैक्षणिक क्षेत्रों की पार्किग व्यवस्था जमी अपनी तो आसमा भी अपना …. की वजह से पहले से चरमराई हुई है।जिसके सुधार के लिए ऊंट के मुंह में जीरे वाली कई योजनाएं कागजों में दफन है।राज काज बदल गए पर बिलासपुर के आम लोगों के लिये सिस्टम नही बदला। लोगों को याद है कि डीएसपी मधुलिका सिंह, तहसीलदार नरेन्द्र बंजारा निगम उपयुक्त का अतिक्रमण दस्ता और सँयुक्त अमले का साथ साथ पैदल मार्च कर जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन , नगर निगम की संयुक्त कार्यवाही की थी । इसी दौर के आसपास जमी अपनी तो आसमा भी अपना बना चुके परिसरों के मालिकों के लिए नियमितीकरण की योजना राज्य स्तर पर लाई गई जो अब शहर के लिए मुसीबत बनती जा रही है ।

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