साय बोले-मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश की सत्ता छोड़कर दिल्ली में बैठकर राजनीति करें

Shri Mi
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लखनऊ जाकर एयरपोर्ट में धरना देने पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि एक प्रदेश के कार्यपालिका प्रमुख के नाते दूसरे राज्य में जाकर इस तरह धरना देकर व्यवस्था को ध्वस्त करना मुख्यमंत्री बघेल का न केवल असंवैधानिक, अपितु नितांत ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण है। श्री साय ने कहा कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी जाने की ज़िद पर अड़े मुख्यमंत्री बघेल किसानों के नाम पर ओछेपन का प्रदर्शन कर रहे हैं।

             
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि आज प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था संकट में है, मज़हबी उन्माद के चलते कभी भी कोई अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। कवर्धा दंगों के बारुदी ढेर पर खड़ा है। बहुसंख्यक समाज की धार्मिक आस्था के साथ कतिपय तत्व खिलवाड़ कर रहे हैं और मुख्यमंत्री डर के साए में साँस लेते कवर्धा की फ़िक्र छोड़कर लखनऊ में सियासी प्रलाप करके सस्ती राजनीति और एक परिवार के प्रति अपनी स्वामीभक्ति की सारी हदें पार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। श्री साय ने कहा कि कांग्रेस हमेशा सत्ता के लिए सांप्रदायिक तुष्टिकरण के राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन करती रही है, अब वह छत्तीसगढ़ जैसे शांत और सद्भावपूर्ण माहौल में ज़हर घोल रही है।

श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की समस्या का समाधान करने से मुँह चुराती प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री यहाँ क़ानून-व्यवस्था को ध्वस्त होते देखकर भी उसे दुरुस्त करने के बजाय अन्य राज्य में जाकर जिस तरह का असंवैधानिक आचरण कर रहे हैं, उससे भाजपा शासित प्रदेशों में अराजकता का माहौल बनाने का कांग्रेस का टूलकिटिया एजेंडा एक बार फिर प्रमाणित हो रहा है। श्री साय ने कहा कि ऐसे नाजुक मौक़े पर तो मुख्यमंत्री बघेल अपने प्रदेश में शांति-सौहार्द्र बनाए रखने की अपनी ज़िम्मेदारी का निर्हन करते, पर उल्टे मुख्यमंत्री बघेल तो क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए बुलाई गई पूर्व निर्धारित बैठक ही लखीमपुर खीरी के नाम पर रद्द कर दी!

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश के किसान त्रस्त हैं, अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, आदिवासी किसान गोलियों से भूने जा रहे हैं, सांप्रदायिक तनाव और धर्मांतरण के मामले सुलग रहे हैं, ऐसे दौर में अपनी ज़िम्मेदारी से मुँह चुराकर मुख्यमंत्री बघेल अपनी कुर्सी बचाने के लिए ‘ख़ानदानी-वारिसों’ के प्रति स्वामीभक्ति दिखाने के लिए उतावले हुए जा रहे हैं। श्री साय ने कहा कि सिलगेर मामले में सरासर झूठ बोलते मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के नेता प्रदेश को बताएँ कि प्रदेश में अपनी कुनीतियों के चलते 440 किसानों को आत्महत्या के लिए विवश करने का कलंक ढोती प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ बर्बरता की सारी हदें लांघ दी, तब राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और राकेश टिकैत समेत तमाम नेताओं की बोलती क्यों बंद थी?

प्रदेश में हत्या और सामूहिक हत्याओं की बाढ़ आई हुई है, क्या कांग्रेस नेताओं और मुख्यमंत्री बघेल की नज़र में यह नरसंहार नहीं है? श्री साय ने कहा कि प्रदेश की समस्याओं का समाधान करने के बजाय मुख्यमंत्री ने हर नाजुक मौक़ों पर अपनी ज़िम्मेदारी से पलायन का रास्ता चुना है और प्रदेश को अराजकता और अव्यवस्था के गर्त में धकेलने का काम किया है। लखीमपुर खीरी जाने के लिए उतावले हुए जा रहे मुख्यमंत्री बघेल को क्या अपने केंद्रीय नेतृत्व पर और उसके राजनीतिक कौशल पर इतना भी भरोसा नहीं रह गया है? यदि ऐसा है तो मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश की सत्ता छोड़कर दिल्ली में बैठकर राजनीति करें।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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