रायपुर। राजभवन और राज्य सरकार के बीच आरक्षण बिल को लेकर चल रही तल्खी के बीच एक पत्र सामने आया है। वायरल हो रहे इस पत्र में राज्य सरकार के आरक्षण बिल को लेकर दिये गये जवाब और राज्यपाल व विधि सलाहकार को लेकर की जा रही टिप्पणी का जिक्र है। चार पेज के इस पत्र में राज्यपाल के अधिकार का भी जिक्र है।
दरअसल पिछले तीन दिनों से आरक्षण संशोधन बिल को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति कुछ ज्यादा ही गर्म है। मुख्यमंत्री ने राजभवन के विधिक सलाहकार पर भी निशाना साधा था। मुख्यमंत्री के बयान के बाद ही माना जा रहा है कि ये पत्र सामने आया है। पत्र में लिखा है कि राजभवन के विधिक सलाहकार न्यायिक सेवा के जिला जज स्तर के हाईकोर्ट की तरफ से नियुक्त होते हैं। उनके खिलाफ टिप्पणी व राजभवन के अधिकारियों के खिलाफ बोलना उपयुक्त नहीं है।
यही नहीं जिन 10 सवालों का जवाब भेजा गया है, उन सभी 10 सवालों के जवाब में कमियों कोलेकर भी पत्र में लिखा गया है। पत्र में ये भी कहा गयाहै कि राजभवन को क्वाटीफाईल डाटा उपलब्ध करा दिया गयाहै, लेकिन ऐसा डाटा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
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