रायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 15 सितम्बर को देश के महान इंजीनियर स्वर्गीय मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैय्या की जयंती (अभियंता दिवस) के मौके पर राज्य के सभी इंजीनियरों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।सीएम ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित स्वर्गीय विश्वेश्वरैय्या का सम्पूर्ण जीवन हमारे देश के इंजीनियरों के लिए रोल मॉडल है। उन्होंने एक सौ वर्ष से भी अधिक लम्बा यशस्वी जीवन जिया।स्वर्गीय विश्वेश्वरैय्या ने अपनी विलक्षण प्रतिभा के जरिए दक्षिण भारत के मैसूर (कर्नाटक) में कृष्ण राजसागर बांध का निर्माण करवाया और कई उद्योगों की भी स्थापना करवाई। बेंगलुरू स्थित हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स की स्थापना में उनके इतिहासिक प्रयासों को आज भी याद किया जाता है।स्वर्गीय विश्वेश्वरैय्या की प्रतिभा और प्रशासनिक क्षमता से प्रभावित होकर वर्ष 1912 में तत्कालीन मैसूर रियासत के महाराजा ने दीवान नियुक्त किया था,तब विश्वेश्वरैय्या ने मैसूर में स्कूलों की संख्या 4500 से बढ़ाकर 10 हजार 500 तक पहुंचा दी।
इसके फलस्वरूप विद्यार्थियों की संख्या भी एक लाख 40 हजार से बढ़कर तीन लाख 66 हजार तक पहुंच गई। स्वर्गीय श्री विश्वेश्वरैय्या वर्ष 1947 में अखिल भारतीय मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाए गए। तब उन्होंने ओड़िशा राज्य की नदियों में बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए एक रिपोर्ट तैयार की, जिसके आधार पर बाद में हीराकूद बांध सहित देश में कई बड़े बांधों का निर्माण हुआ। भारत सरकार ने उन्हे वर्ष 1955 में भारत रत्न के सर्वोच्च अलंकरण से सम्मानित किया, जब वे एक सौ वर्ष के हुए तब उनके सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया गया।