हड़ताल खत्म होने पर कांग्रेस ने भी लिया महाबंद वापस…नेताओं ने कहा…सरकार के दबाव में है शिक्षाकर्मी

BHASKAR MISHRA
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IMG-20171205-WA0015 IMG-20171205-WA0017बिलासपुर— पीसीसी ने रायपुर में बैठक के बाद छत्तीसगढ महाबंद एलान को वापस ले लिया है। पीसीसी अध्यक्ष ने दो दिन पहले शिक्षाकर्मियों के समर्थन में 5 नवम्बर को महाबंद का एलान किया था। देर रात शिक्षाकर्मियोंं ने बेमुद्दत हड़ताल को वापस ले लिया। आज रायपुर में बैठक के बाद कांग्रेस ने भी कांग्रेस महाबंद ऐलान को वापस लेने का पैसला किया। यद्यपि निर्णय आने तक बिलासपुर जिले समेत प्रदेश के कई हिस्सों में पुलिस ने कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर थाने में बैठाया। महाबंद निरस्त होने के बाद सभी कांग्रेसियों को छोड़ दिया गया। बिलासपुर जिले के बिल्हा,बेलतरा,तखतपुर,कोटा में कांग्रेसियों की गिरफ्तारी हुई। बाद में सभी को पुलिस ने रिहा कर दिया।रायपुर में पीसीसी की बैठक में अध्यक्ष ने महाबंद के एलान को वापस ले लिया है। बिलासपुर संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण राय ने बताया कि हड़ताल लेने के बाद पीसीसी अध्यक्ष के निर्देश पर महाबंंद को वापस लिया गया है।

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नेहरू चौक में तैनात पुलिस जवान

                आज 8 बजे से ही बिलासपुर के नेहरू चौक में पुख्ता व्यवस्था के साथ पुलिस जवान तैनात दिखाई दिये। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। नेहरू चौक में पुलिस जवानों को वरिष्ठ अधिकारियों ने जरूरी दिशा निर्देश दिया। कयास लगाया जा रहा था कि काग्रेस महाबंद को निरस्त करेंगे। ठीक वैसी ही हुआ। निर्धारित समय से करीब एक आधे घंटे देर से पहुंचे कांग्रेसियों ने आईपीएस शलभ सिन्हा, नीरज चन्द्राकर और डीएसपी नसर सिद्धिकी,एसडीएम आलोक पाण्डेय,तहसीलदार देवी सिह उइके और अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गभेल को बताया कि बिलासपुर बंद के निर्णय को वापस ले लिया गया है। इसके बाद सभी पुलिस जवान थाना लौट गए। इस दौरान गिरफ्तारी की सूरत में कांग्रेसियों के लिए बस की भी व्यवस्था थी।

दबाव में लिया गया निर्णय

           IMG-20171205-WA0013  जिला कांग्रेस अध्यक्ष ग्रामीण राजेन्द्र शुक्ला ने बताया कि महाबंद को पीसीसी अध्यक्ष के निर्देश और बैठक के बाद निरस्त किया गया है। कांग्रेस नेता महाबंद के लिए तैयार थे। राजेन्द्र ने कहा कि पिछले पन्द्रह दिनों से सरकार ने शिक्षाकर्मियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। रायपुर में सरकार के निर्देश पर महिलाओं के साथ पुलिस अत्याचार हुआ। पिछले चार दिनों से रायपुर में अघोषित आपातकाल की स्थिति देखने को मिली। जगह-जगह शिक्षाकर्मियों को गिरफ्तारी हुई। जानकारी मिल रही है कि शिक्षाकर्मियों को झूठे मामले में आपाराधिक प्रकरण बनाने की साजिश चल रही थी। दबाव में आकर प्रदेश के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों ने हड़ताल वापस ले लिया है। बावजूद इसके कांग्रेस शिक्षाकर्मियों के साथ है।



कांग्रेस शिक्षाकर्मियों के साथ

           जिला शहर कांंग्रेस अध्यक्ष नरेन्द्र बोलर ने बताया कि कांग्रेस पार्टी का शिक्षाकर्मियों को पूरा समर्थन है। शिक्षाकर्मियों के हड़ताल को दबाया गया है। रायपुर में शिक्षाकर्मी महिलाओं से बदसलुकी हुई। दबाव में आकर शिक्षाकर्मियों को हड़ताल वापस लेना पड़ा। जानकारी मिल रही है कि शिक्षाकर्मियों की कुछ मांगों को सरकार मानने को तैयार है। लेकिन संविलियन की मांग पर सरकार चुप है।  पिछले पन्द्रह दिनों पर जब नजर डालते है तो ऐसा लगा कि सरकार ने शिक्षाकर्मियों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया है। आंदोलन को इस तरह से कुचलना लोकतंत्र के खिलाफ है।



मरता क्या ना करता

                 IMG-20171205-WA0014 अभय नारायण राय और शेख नजरूद्दीन ने बताया कि शिक्षाकर्मियों को सरकार ने चारो तरफ से घेरकर प्रताड़ित किया है। खुद शिक्षाकर्मियों के नेताओं ने बताया कि महिलाओं के साथ ज्यादती की जा रही थी। रायपुर में अपनी बातों को रखने के लिए मैदान तक नहीं दिया गया। सरकार लगातार बेकसूर लोगों को जेल भेज रही थी। हाटल,शौचालयों में छापामार कार्रवाई कर शिक्षाकर्मियों को लगातार गिरफ्तार किया जा रहा था। जनमानस को भी परेशान किया जा रहा था। महिलाओं और निर्दोषों की परेशानी देख शिक्षाकर्मियों ने हड़ताल को वापस लिया। शिक्षकों को दूसरे को परेशान होते देखा नहीं गया। इतना ही नहीं सरकार ने जेल में शिक्षाकर्मियों पर दबाव डालकर हड़ताल वापस करने के लिए दबाव डाला है। लेकिन कांग्रेस शिक्षाकर्मियों के साथ पहले भी थी..भविष्य में भी रहेगी।



पुराना वेतन रोका गया..खाने के लिए कुछ नहीं

                शिक्षाकर्मी नेता साधेलाल ने बताया कि सरकार ने वेतन रोक दिया। हड़ताल के दौरान घर की जमापूंजी भी खर्च हो गयी। घर में खाने के लिए एक दाना नहीं बचा। सरकार ने पिछला वेतन देने से इंकार कर दिया। घर के मुखिया जेल में चले गये। महिलाओं को जमकर परेशान किया जाने लगा। कुछ ऐसे महिला शिक्षाकर्मियों को गिरफ्तार किया गया। जिनके दो तीन महीने बच्चे हैं। इस तमाम बातों को ध्यान में रखकर हड़ताल वापस लेना पड़ा है। हड़ताल को अस्थायी तौर पर निशर्त वापस लिया गया है। बड़े नेताओं ने बताया कि सरकार एक बैठक में 9 सूत्रीय मांंग पर विचार विमर्श करेगी। जानकारी मिल रही है कि सरकार ने आठ मांंगों पर मुहर लगा दी है।

                   नेहरू चौक में आंदोलन निरस्त होने की सूचना से पहले राजेन्द्र शुक्ला, नरेन्द्र बोलर,अभय नारायण राय,अटल श्रीवास्तव,एसपी चतुर्वेदी,शेख नजरूद्दीन,तैय्यब हुसैन,ऋषि पाण्डेय,जावेद मेमन,समेत पचासों नेता मौजूद थे।

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