बिलासपुर— महमंद ग्राम पंचायत में करीब 18 लाख घोटाला मामले की जांच पूरी हो गयी है। जिला पंचायत उप-संचालक शिवानी सिंह ने बताया कि दो सदस्यीय टीम ने जानकारियों को साझा किया है। जल्द ही समग्र रिपोर्ट तैयार कर अधिकारी के सामने पेश कर दिया जाएगा। उन्होने यह भी बताया कि तात्कालीन ग्राम पंचायत सचिव गंगे निर्मलकर जांच टीम के सामने पेश नहीं हुआ। उसने जांच में मदद भी नही किया है।
बताते चलें कि महमंद ग्राम पंचायत सरपंच की शिकायत पर जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने सामान्य सभा के दौरान 14 वें वित्त योजना में दस लाख रूपयों का घोटाला का मुद्दा उठाया। गौरहा ने उपस्थित अधिकारियों को बताया कि महमंद ग्राम पंचायत में 14 वें वित्त आयोग फण्ड से तत्कालीन सचिव गंगे निर्मलकर ने बिना किसी अनुमति या सरपंच की सहमति से लाखों रूपयों का गबन किया है। अंकित ने यह भी कहा कि इसमें बिल्हा जनपद अधिकारियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने तत्काल दो सदस्यीय टीम का गठन कर जांच पड़ताल का आदेश दिया। अधिकारी के निर्देश के बाद टीम ने तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव गंगे निर्मलकर समेत सरपंच, उप सरपंच को नोटिस जारी कर टीम के सामने पेश होने को कहा। साथ ही ग्राम पंचायत पहुंचकर भौतिक सत्यापन किए जाने की बात कही।
निर्धारित तारीख को दो सदस्यीय टीम ग्रामपंचायत पहुंची। पंच सरपंच और वर्तमान सचिव के अलावा गणमान्य लोगों ने टीम के सामने पेश होकर वस्तुस्थिति के बारे में बताया। लेकिन तात्कालीन सचिव गंगे निर्मलकर टीम के सामने पेश नहीं हुआ। ना ही भौतिक सत्यापन में मदद किया। जांच पड़ताल में टीम ने तात्कालीन सचिव पर लगाए गए सभी आरोपो को सही पाया। सूत्र ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग की राशि में उम्मीद से अधिक घोटाला को अंजाम दिया गाय है।
सूत्र ने यह भी बताया कि गंगे निर्मलकर ने सरपंच और पंच की अनुमति बिना 14 वें वित्त से फर्जीवाड़ा कर करीब 18 लाख से ज्यादा का घोटाला किया है। जनपद पंचायत बिल्हा में फर्जी बिल और जानकारी जमा किया है।भौतिक सत्यापन के दौरान पाया गया किएक मद के लिए कई बार रूपया निकाला गया।
जांच में सामने आयी भारी गड़बड़िया
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