राज्यसभा सदस्य बनने जोड़ तोड़..सामाजिक संगठनों ने बनाया दबाव..बृजेश साहू ने बताया ..मुख्यमंत्री से मिलने का लिया गया फैसला

BHASKAR MISHRA
4 Min Read
बिलासपुर—राज्यसभा सदस्यता को लेकर सामाजिक संगठनों की सक्रियता बढ़ गयी है। लगातार बैठकें भी शुरू हो गयी है। कांग्रेस खेमें सामाजिक संगठनों की बैठक को लेकर जमकर चर्चा है। जानकारी के अनुसार सामाजिक संगठनों ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री से राज्यसभा की दो में से एक सीट अनुसूचित जाति और एक पिछड़ा वर्ग के लिए मांगा है।
 
                छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीट जून माह में खाली हो रहा है। इसी के साथ तमाम सामाजिक संगठन के लोग लामबंद हो गए हैं। बैठक में चर्चा के दौरान सामने आया कि संख्या बल के आधार पर दोनों सीटें इस बार कांग्रेस पार्टी की झोली में जाना निश्चित है। ऐसे में पार्टी किसी भी व्यक्ति को राज्यसभा सदस्य के लिए बिना किसी परेशानी के नामित कर सकती है। लेकिन  सामाजिक संगठनों की दखलअंदाजी ने पार्टी की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
 
                  बैठक में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर समाज के कोटे से कोई व्यक्ति राज्यसभा सदस्य बनता है तो उन्हें समाज की शर्तों को मानना होगा। नहीं मानने की स्थिति में प्रदेश भर में उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा।खाली हो रही दोनों सीटों में स्थानीयता के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किया जाने की मांग करेंगे। 
 
            पहले की तरह छत्तीसगढ़ की कोटे से किसी अन्य व्यक्ति को राज्यसभा सदस्य बनाए जाने पर पुरजोर विरोध किया जाएगा। बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि परिवारवाद से अगर किसी व्यक्ति को राज्यसभा सदस्य बनाया जाता है उसका भी विरोध होगा। सामाजिक संगठनों के लोगों ने यह भी कहा कि पार्टी से जुड़े हुए लोगों को हमेशा प्रतिनिधित्व दिया जाता है। लेकिन सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वालों को तवज्जो नहीं मिलती है। बैक डोर से धनबल और चाटुकारिता से राजनीतिक पदों को हासिल किया जाता है। बाद में यही लोग समाज को आंख भी दिखाते हैं। इसलिए इस बार सामाजिक संगठनों को मिलकर कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाया जाएगा। 
 
              सामाजिक बैठक में राज्यसभा के  2 सीट में से 1 सीट अनुसूचित जाति वर्ग और  दूसरी सीट पर अन्य पिछड़ा वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की गयी है।
 
           संगठनों के लोगों ने  बैठक कर राज्यसभा के लिए कुछ नामों का एलान भी किया है। जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग से तीन नामों का पैनल और अन्य पिछड़ा वर्ग से 4 नामों का पैनल तैयार हुआ है। इनमें से ही किसी व्यक्ति को राज्यसभा सदस्य उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की गयी।
 
         मामले को लेकर सामाजिक संगठनों ने बैठक के बाद शुक्रवार को प्रदेश के प्रत्येक जिले से पार्टी आला अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को बताया गया है कि जिस भी व्यक्ति का चयन राज्यसभा सदस्य के लिए होगा। वह सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए अपने वेतन से प्रतिमाह 30 प्रतिशत राशि सामाजिक संगठनों को डोनेट करेगा। साथ ही एक घोषणा पत्र भी समाज को देगा। जिसमें किसी कारणवश या पार्टी के दबाव में आकर अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन नहीं करता है तो वापस बुलाया जाएगा। समाज को अपना इस्तीफा भी देगा।
 
 मीडिया प्रभारी  अशोक ने बताया कि 24 अप्रैल 2022 को रायपुर में एक बार प्रदेश स्तरीय बैठक होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर समाज के फैसले से अवगत कराया जाएगा।
close