(रुद्र अवस्थी)मरवाही विधानसभा सीट का उपचुनाव छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों की राजनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है। जहां इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले की स्थिति है । छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला चुनाव है जिसमें जोगी परिवार चुनाव मैदान से बाहर है । इस चुनाव में स्थिति काफी दिलचस्प मानी जा रही है । वज़ह साफ़ है छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पांच चुनाव में जिस तरह जोगी परिवार ने मरवाही में जीत हासिल की और इन चुनावों में उन्हें काफी बड़े अंतर से जीत हासिल होती रही । अब यही सवाल अहम है कि लगातार पांच चुनाव में मरवाही से जीतने वाले उम्मीदवार को मिलने वाले वोट अब किस ओर जाएंगे । इसे समझने वालों के सामने एक सीधा गणित यह है कि 5 में से 4 चुनाव में जोगी परिवार के उम्मीदवार कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतरे थे । लिहाजा पंजा छाप पर वोट पड़ते रहे । जिन्हें स्वाभाविक रूप से कांग्रेस का समर्थन माना जा रहा है।Follow this link to join my WhatsApp group
लेकिन दूसरी तरफ एक थ्यौरी यह भी है कि 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी मरवाही सीट से अपनी खुद की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के “नागर छाप” से मैदान में उतरे थे फिर भी उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी । ज़ाहिर सी बात है कि इस तरह वे अपने वोट पंजा छाप से नागर छाप में तब्दील करने में कामयाब रहे । इस बार नागर छाप मैदान में नहीं है । फिर ये वोट किधर जाएंगे ,इस पर लोगों की नजर लगी हुई है । कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं वहीं दिलचस्प तस्वीर यह भी है कि जोगी परिवार भले ही उम्मीदवारों की सूची से बाहर हो गया हो । लेकिन उसने चुनाव मैदान को अभी छोड़ा नहीं है । कहीं अजीत जोगी का जीवन परिचय किताब बांटने में तो कहीं न्याय यात्रा के नाम से लगातार अमित जोगी अपनी बात कह रहे हैं । वे यह भी कह चुके हैं कि उनका समर्थन किसी भी राजनीतिक दल को नहीं है । लेकिन फिर भी चुनाव मैदान में उनकी दिलचस्पी बरक़रार है । अब चुनाव नतीज़ों से ही यह पता लग सकेगा कि अब तक ज़ोगी का सथा देने वाले मतदाता किधर जाएंगे…?
जोगी कांग्रेस के अस्तित्व की लड़ाई
मरवाही विधानसभा चुनाव की चर्चा के साथ ही यह बात भी उठने लगी थी कि इस चुनाव में कांग्रेस भाजपा और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस तीनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है । चुनाव नतीजों का छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों की सियासत पर भी असर पड़ेगा । लेकिन नामांकन के दौर में जिस तरह जोगी कांग्रेस के अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी के नामांकन रद्द हो गए । उसके बाद से अब जोगी कांग्रेस के लिए अस्तित्व की लड़ाई बन गई है । कांग्रेस की रणनीति इस तरह नजर आ रही है कि जोगी कांग्रेस से जुड़े तमाम लोगों को कांग्रेस में प्रवेश दिलाया जा रहा है। जोगी के कई नजदीकी साथी भी उन्हें छोड़कर कांग्रेस में जा मिले हैं । इससे लगता है कि मरवाही के नतीजे चाहे जो भी हो लेकिन छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस को अपना वजूद कायम रखने के लिए आने वाले समय में और भी जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
ऑनलाइन ठग गिरोह के पर्दाफ़ाश के सब़क
बिलासपुर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है । पुलिस ने ऑपरेशन 65 के तहत अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करने में कामयाबी हासिल की है । जिस गिरोह के तार पाकिस्तान, मलेशिया और खाडी से भी जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इस गिरोह ने बिलासपुर जिले के एक व्यक्ति को अपने ठगी का शिकार बनाया और उस व्यक्ति ने पैंसठ लाख़ रुपए इस गिरोह को सौंप दिए । इस उम्मीद में कि उसे दो करोड़ रुपए इनाम के बतौर मिलेंगे । शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की । साइबर सेल ने एक – एक तार जोड़ते हुए ठग गिरोह के सरगना तक पहुंचने में कामयाबी हासिल कर ली । पुलिस ने गहराई से पड़ताल की और उत्तर प्रदेश ,बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कोलकाता से जुड़े लोगों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की । पुलिस की कई टीमें भेजी गईं। मामले में यह भी पता चला कि इस गिरोह का मुख्य सरगना पाकिस्तान से गिरोह को चलाता रहा है । मामले में 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और छानबीन के जरिए पुलिस कई लोगों तक पहुंच सकती है । पुलिस की इस कामयाबी पर तो सभी शाबाशी दे रहे हैं । लेकिन इस तरह की घटना के जरिए यह मैसेज भी पहुंचना चाहिए कि साइबर क्राइम रोकने के लिए पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है और लोगों से अपील की जा रही है कि अनजाने लोगों के झांसे में आकर किसी को रकम न दें । फिर भी लोग इसके शिकार हो रहे हैं और पढ़े-लिखे पैसे वाले भी लालच में आकर शिकार हो रहे हैं। इस पर भी गौर किया जाना चाहिए और लोगों को इस तरह के हालात से सबक भी सीखना चाहिए।
आईपीएल के नाम पर सट्टा
हालात से सबक सीखने वालों के सामने ही इन दिनों यह सवाल भी तैर रहा है कि आईपीएल का खेल शुरू होने के बाद सट्टे का कारोबार तेजी से क्यों पनप रहा है ….? जब से यह खेल शुरू हुआ है लोग इसको देखते हैं । बैट्समैन और गेंदबाजों के नए-नए रिक़र्ड बनते देखते हैं और मैच के नतीजों पर भी नजर लगी रहती है । लेकिन इसके साथ भी उन खबरों की भी सुर्खियां बनती हैं जिसमें बताया जाता है कि करीब-करीब हर रोज लाखों का सट्टा पट्टी लिख रहे आरोपी पकड़े जाते हैं । इस ऑनलाइन खेल में कई लोग शामिल हैं । जिन्होंने आईपीएल को ही एक तरह से सट्टे का जरिया बना लिया है । जानकार यह भी सवाल उठा रहे हैं कि जब सट्टा खेलने वालों को इनके बारे में पता है तो पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लग पाती और पुलिस छोटे-छोटे खाईवाल के साथ ही ऐसे लोगों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है जो इस तरह का काला कारोबार चला रहे हैं ।
कोरोना से बचाव में ढिलाई नहीं…
समय के साथ कोरोना संक्रमण के मामले भी बढ़ रहे हैं । पिछले कुछ दिनों के भीतर लॉक डाउन का भी प्रयोग दोबारा किया गया। सख़्ती के साथ तालाबंदी की गई । लेकिन फिर भी कोरोना संक्रमण के मामले कम होते दिखाई नहीं दे रहे हैं । न्यायधानी में रोज का आंकड़ा करीब एक अंक के आसपास बना हुआ है । यह स्थिति चिंताजनक मानी जा रही है । वजह यह है कि विशेषज्ञों ने भी मौसम में बदलाव और ठंड को देखते हुए आने वाले दिनों में संक्रमण में बढ़ोतरी की आशंका जताई है । दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई प्रमुख लोगों ने अपील की है कि लॉकडाउन भले ही खत्म हुआ हो लेकिन कोरोना वायरस ख़त्म नहीं हुआ है । इसे देखते हुए मास्क और 2 गज की दूरी का पालन सुनिश्चित होना चाहिए । इसकी कमी सभी तरफ दिखाई देती है । जिसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है । क्योंकि वैक्सीन आते तक बचाव के उपाय में ही भलाई है ।
सम्मान के असली हक़दार
कोरोना काल शुरू होने के बाद से जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाने वालों की कमी नहीं है । कई संस्थाओं ने बिना रुके -बिना थके लोगों की मदद में अपनी हिस्सेदारी निभाई है । न्यायधानी में सिक्ख समाज ने भी इस काम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । आदर्श पंजाबी महिला संस्था की महिलाओं ने लगातार लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए । अनाज का वितरण,लंगर सेवा ,मास्क ,ग्लब्स वितरण जैसे कामों में हिस्सेदारी निभाते हुए मजदूरों के लिए चप्पलों का वितरण ,बच्चों के लिए दूध का इंतजाम ,फल, बिस्किट का वितरण, सैनिटाइजिंग मशीन, जैसे कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । संस्था के स्थापना दिवस पर एक सादगी पूर्ण कार्यक्रम में शहर के मेयर रामशरण यादव और सभापति शेख नसीरुद्दीन ने इस संस्था से जुड़ी महिलाओं का सम्मान किया । निश्चित रूप से ऐसी संस्थाएं और ऐसे लोग सम्मान के पात्र हैं, जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं और मानवता की सेवा जिनके लिए सबसे ऊपर है ।