Mauni Amavasya 2023 Date: मौनी अमावस्या का शास्त्रों में विशेष महत्व है। हर साल माह माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। जो कि इस साल 21 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन मौन रहकर किसी पवित्र नदी या जलकुंड में स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है इस दिन स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…
मौनी अमावस्या तिथि (Mauni Amavasya Tithi 2023)
वैदिक पंचांग के मुताबिक, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 21 जनवरी को सुबह 06 बजकर 16 मिनट से आरंभ हो रही है। वहीं अगले दिन 22 जनवरी की रात में 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो रही है। वहीं उदयातिथि के आधार पर मौनी अमावस्या 21 जनवरी को ही मनाई जाएगी।
दान- स्नान का शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya Shubh Muhurt)
पंचांग के मुताबिक 21 जनवरी को सुबह 8 बजकर 33 मिनट से 9 बजकर 52 मिनट के बीच दान-स्नान का शुभ मुहूर्त है। इस समय आप किसी जरूरतमंद को कंबल, तिल या गुड़ का दान कर सकते हैं। पवित्र नदी में स्नान करते वक्त मन में “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: और “ॐ नम: शिवाय ” मंत्र का जाप करें।
क्यों कहते हैं मौनी अमावस्या?
शास्त्रों के अनुसार इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। साथ ही मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए इस दिन मौन रहकर स्नान और दान किया जाता है।
मौनी अमावस्या महत्व 2023 (Mauni Amavasya Importance)
अमावस्या तिथि पितरों के लिए समर्पित होती है। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, वो लोग इस दिन श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं। साथ ही शास्त्रों में कहा गया है कि माघ महीने में देवता प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम में स्नान करते हैं। इसलिए प्रयागराज में इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत से समान होता है। इस दिन संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।