वैश्विक चुनौतियों को मोदी ने दिया मुंहतोड़ जवाब..अमर ने कहा..रावण दहन के साथ करें समाजिक बुराइयों को खत्म

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—रावण सामाजिक बुराइयों का प्रतीक है। प्रत्येक साल हम रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं। रावण दहन के साथ हमें सामाजिक बुराइयों को भी दहन करना होगा। इसके बाद ही सामाजिक बुराइयों का अन्त होगा। यह बाते अमर अग्रवाल ने लालबहादुर शास्तिर मैदान में रावण दहन के दौरान कही। अमर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने महामारी और युद्ध, वैश्विक चुनौतियों का मुूंहतोड़ जवा दिया। हमें प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भगवान राम की सनातनी परंपरा पर चलते हुए देश में अमन शांति स्थापित करना है। इसमें हम सबकी महति भूमिका होनी चाहिए।
 
                                 लोकपर्व दशहरा पर अमर अग्रवुाल ने नूतन चौक पर रावण का दहन किया। रावण दहन के साथ ही अमर अग्रवाल ने आम जनता को शुभकामनाएं दी। अमर ने कहा कि महामारी और वैश्विक युद्ध की परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत वैश्विक शांति दूत के रूप सामने आया है। भारतीय परंपराओं और लोक आस्थाओं के निभाते हुए देश आजादी के अमृतकाल में तेजी से आत्मभारत की दिशा में बढ़ रहा है।
 
            अग्रवाल ने दुहराया कि हमें रावण दहन के साथ ही आत्म बुराइयों को भी आग के हवाले करना होगा। इसके बाद ही देश रावण की बुराइयों से आजाद होगा। अमर ने बताया कि जनमानस में बसे श्री राम के कर्तव्य पथ पर चलते हुए सामूहिक प्रयासों से सामाजिक बुराइयों को दहन करने की आवश्यकता है। तभी देश की जनता तन मन और धन से सम्पन्न होगा।
 
                          अपने सम्बोधन में भाजपा नेता ने बताया कि विजयदशमी के पावन दिवस पर श्रावण नक्षत्र में रवि सुकर्मा धृति के पवित्र योग की त्रिवेणी का सुअवसर है। सर्वसमुदाय कल्याण के लिए  अधर्म पर धर्म की जीत की सदियों की परंपरा का अनुसरण करते हुए संकल्पित होकर सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपनी व्यक्तिगत एवं सामूहिक भूमिकाओं और उनसे जुड़े दायित्वों का निर्वहन करें।
 
                                        अमर ने कहा कि वर्षों की निगम की दशहर आयोजन परंपरा को तोड़ना पिछले दिनों  तय हो गया था। भगवान श्री राम के प्रताप से हम सभी ने शहर की जनता जनार्दन के साथ मिलकर परंपराओं के निर्वहन को तोड़ने वाली बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाया। इसके बाद आनन फानन में प्रतिनिधियों ने सामूहिक दहन की परंपरा को निभाया है।
 
            
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