पढ़ें मुख्यमंत्री के सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम का जवाब..क्यों बताया भाजपा का अभियान फर्जी.किसे दिया रमन से पूछने की सलाह

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भाजपा का मिस काल से सदस्यता अभियान पूरी तरह फर्जी था। यही कारण है कि आज भाजपा  मिस हो गयी है। आज भाजपा कहां है सबको पता है। हमारे यहां मुख्यंत्री का चुनाव हाईकमान करता है। सदस्यता अभियान और संगठन चुनाव के बाद अप्रैल से कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में जाएंगे। यह बातें बिलासपुर में सदस्यता अभियान प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कही। मरकाम ने बताया कि हम 10 लाख नहीं बल्कि साढे 12 लाख सदस्य बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं। 

                  डिजीटल कांग्रेस सदस्यता अभियन कार्यशाला में शिरकत करने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम बिलासपुर पहुंचे। उन्होने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों से बातचीत की। सवाल जवाब  के दौरान मरकाम ने बताया कि फरवरी मार्च तक सदस्यता अभियान का टारगेट पूरा कर लिया जाएगा।

              एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि अब तक साढे चार लाख सदस्य बन चुके हैंं। हमने दस लाख का टारगेट रखा है। लेकिन हमें विश्वास है कि साढे 12 लाख सदस्य बन जाएंगे। मरकाम ने फर्जी सदस्य बनाए जाने की संभावना से इंकार किया। उन्होने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में आफलाइन सदस्य बनाए जाएंगे। संगठन चुनाव के बाद कार्यकर्ता अप्रैल से 2023 की तैयारी करेंगे। 

                    सवाल जवाब के दौरान मोहन मरकाम ने कहा भाजपा ने मिस काल से 54 लाख सदस्य बनाए। सरकार से मिस हो गए। सबको पता है कि आज भाजपा की क्या स्थिति है।

         सरकार की योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच रही है। यही कारण है कि यूपीए को सरकार से धोना पड़ा। मरकाम ने बताया कि सरकार अच्छा काम कर रही है। यहां तक व्यापारी भी खुश हैं। हमने 14 निगम पर कब्जा किया। शहरी पार्टी कहलाने वाली भाजपा को शहर से बेदखल किया है। जनता भी खुश है। 

          किसान छत्तीसगढ़ में मर रहे हैं..मुआवजा लखीमपुर में बांटा जा रहा के सवाल पर मरकाम ने कहा कि प्रदेश में रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी हुई है। किसान खुश है..कहीं कोई आक्रोश नहीं है।

                        आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग और नन्दकुमार साय की पीड़ा पर मरकाम ने कहा कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री बनना था तो रमन सिंह से बात किए होते। पन्द्रह साल चुप रहे..अब बोलने से क्या फायदा। 

      क्या आदिवासी मुख्यमंत्री होना चाहिए के सवाल पीसीसी अध्यक्ष बताया कि हमारे यहां मुख्यमंत्री का चुनाव आलाकमान करते हैं।

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