नान घोटाला : IAS अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से राहत नहीं,अभियोजन की मंज़ूरी पर रोक लगाने की अर्ज़ी ख़ारिज

Chief Editor
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बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले में आरोपी आईएएस अफ़सर अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट ने स्थगन देने से इंकार कर दिया है। अनिल टुटेजा ने नान घोटाले में शासन की ओर से दी गई अभियोजन की मंजूरी पर स्टे के लिए अर्ज़ी दी थी । लेकिन अनिल टुटेजा को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उनकी यह अर्ज़ी ख़ारिज़ कर दी है।
भाजपा शासनकाल के दौरान आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ में करीब 36 हजार करोड़ रुपये का नागरिक आपूर्ति निगम में घोटाला पाया था। उस समय कई ठिकानों से करोड़ों रुपये नगद भी बरामद की गई थी। इसमें नान के तब के जनरल मैनेजर आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा भी एक आरोपी हैं। नान घोटाले में जून 2015 को 16 लोगों के ख़िलाफ चालान पेश किया गया था । जिसमें दो आईएएस अनिल टुटेजा और डॉ. आलोक शुक्ला की भी संलिप्तता बताई गई थी । इस पर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 17 जुलाई 2015 को अभियोजन की मंजूरी दी थी । आईएएसस होने की वज़ह से केन्द्र सरकार से भी अभियोजन की मंजूरी ज़रूरी थी । इससके लिए केन्द्र को लिख़ा गया औऱ केन्द्र सरकार ने 4 जुलाई 2016 को उनके खिलाफ अभियोजन को मंजूरी दी थी। अभियोजन की मंज़ूरी के करीब पांच साल बाद इस साल फरवरी में अनिल टुटेजा ने सेशन कोर्ट रायपुर में चुनौती देते हुए स्थगन की मांग की। सेशन जज लीना अग्रवाल की कोर्ट ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया था कि अभियोजन की स्वीकृति को निरस्त करना या उस पर स्थगन देना तभी हो सकता है , जब लगाये गये आरोप पूरी तरह तथ्यविहीन हों। राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा उन तथ्यों का उल्लेख किया गया है । जिसके आधार पर अभियोजन की मंजूरी दी गई है।
इसके बाद अनिल टुटेजा ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिविजन दायर किया। एक बार यह मामला जस्टिस आरसीएस सावंत की कोर्ट में लगा था । जिसे उन्होंने सुनने से इंकार कर दिया था। इसके बाद इसकी सुनवाई 18 जून को जस्टिस एन पी चंद्रवंशी की कोर्ट में हुई। उन्होंने याचिकाकर्ता और राज्य शासन के तर्कों को सुनने के बाद अभियोजन के आदेश पर स्थगन देने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रेवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 19 (3) के अंतर्गत स्थगन देने का कोई औचित्य दिखाई नहीं देता। अनिल टुटेजा के मामले में हाईकोर्ट ने स्टे देने से इंकार कर दिया । अनिल टुटेजा के मामले में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों के अनुमोदन आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।अनिल टुटेजा के मामले में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय में पारित निर्णय में उच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक लगाने के कोई आधार ना होने का कारण बताते हुए अंतरिम रोक लगाने के लिए लगाए आवेदन को खारिज कर दिया है।मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद के लिए रखी गई है।
गौरत़ल़ब़ है कि इस मामले में अनिल टुटेजा के खिलाफ चालान पेश किया जा चुका है और वे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं।

             
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