NPS Nominee Rule: NPS सब्सक्राइबर्स की मृत्यु के बाद क्या बदला जा सकता है नॉमिनी, जानें PFRDA का नियम

Shri Mi
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National Pension System: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक वॉलेटरी पेंशन और रिटायरमेंट स्कीम है जिसमें निवेश करके आप अच्छा खासा रिटायरमेंट फंड और पेंशन की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं. एनपीएस (NPS) को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) को रेगुलेट करता है. ऐसे में इससे जुड़े सभी नियम PFRDA ही बनाता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि PFRDA हमेशा एनपीएस सब्सक्राइबर्स को नॉमिनी (Nominee) ऐड करने की सलाह देता है, मगर कई बार लोग नॉमिनी ऐड नहीं करते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती हैं. ऐसे में यह एक कॉमन सवाल है कि अगर किसी एनपीएस सब्सक्राइबर्स नॉमिनी ऐड नहीं किया है और उसकी डेथ हो गई है तो क्या सब्सक्राइबर्स की डेथ के बाद नॉमिनी को नाम को बदला जा सकता है. आइए जानते हैं इस बारे में-

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इस मामले पर PFRDA ने 22 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी करके जानकारी दी है कि नॉमिनी को चुनने का हक केवल सब्सक्राइबर को ही होता है. अगर कोई व्यक्ति किसी एनपीएस खाताधारक की मृत्यु के बाद उसे डिटेल्स को यूज करके खाते में लॉगिन करके नॉमिनी डिटेल्स को बदलने की कोशिश करता है तो ऐसी स्थिति में किए गए सभी बदलाव अमान्य होंगे. इसके साथ ही सब्सक्राइबर्स द्वारा दिए गए डिटेल्स के अनुसार ही क्लेम की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. ऐसे में व्यक्ति के जीवित रहते ही जो एनपीएस खाते में चेंज किए जाते हैं वहीं केवल मान्य होते हैं.

नॉमिनी न होने पर कैसे किया जाए क्लेम

अगर किसी एनपीएस सब्सक्राइबर्स की मृत्यु बिना नॉमिनी ऐड किए ही हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके कानूनी वारिस को ही क्लेम मिल सकता है. इसके लिए उसके परिवार के लोगों को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (Succession Certificate) दिखाना होगा. इस सर्टिफिकेट को रेवेन्यू विभाग में जमा करना पड़ेगा. इसके बाद विभाग वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा करेगा. इसके बाद कानूनी उत्तराधिकारी को एनपीएस में जमा पूरे पैसे दे दिए जाएंगे.  

एनपीएस क्लेम के लिए चाहिए यह डॉक्यूमेंट-

  • NPS सब्सक्राइबर का डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate)
  • NPS सब्सक्राइबर का आधार कार्ड (Aadhaar Card)
  • नॉमिनी या उत्तराधिकारी का आधार कार्ड
  • उत्तराधिकार प्रमाण पत्र
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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