दिल्ली ।बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramaniam Swamy) ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम (EVM) से होने वाली वोटिंग में VVPAT के इस्तेमाल को लेकर सवाल खड़ा किया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 2014 में उनकी एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि ईवीएम में धांधली हो सकती है। स्वामी की मांग है कि लोकसभा चुनाव से पहले EVM में VVPAT व्यवस्था की जांच की जाए।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि चुनाव आयोग ने कुछ प्रक्रियात्मक बदलाव किए हैं, जिनकी जांच करने की आवश्यकता है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “वर्ष 2014 में मेरे द्वारा ईवीएम में वीवीपैट प्रक्रिया के इस्तेमाल वाली रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समीक्षा होनी चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिनकी जांच करना फिर से जरूरी हो गया है। अगर इसकी जरूरत पड़ी तो मैं फिर अप्रैल 2023 में इसके लिए एक नई रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करूंगा।”
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर ईवीएम मशीन के लिए वीवीपैट की मांग की थी। तब स्वामी भाजपा में नहीं बल्कि जनता पार्टी के अध्यक्ष हुआ करते थे। स्वामी ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। स्वामी इस बात का भी दावा करते हैं कि ईवीएम में होने वाली धांधली के आशंका का मुद्दा सबसे पहले उन्होंने ही उठाया था और उसके बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम को लेकर उनके द्वारा उठाई गई आपत्ति को लपक लिया था।
बता दे कि आम आदमी पार्टी द्वारा भी एक याचिका दायर कि गई थी जिसमें दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयोग को आगामी एमसीडी चुनाव ऐसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था, जो मतदान मिलान पर्ची (वीवीपैट) के साथ हों। याचिका में कहा गया था बिना वीवीपैट के पुराने एम-2 ईवीएम का इस्तेमाल सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत के चुनाव आयोग (2013) में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है। बता दे कि कुछ दिन पहले पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2024 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत को लेकर आशंका जताई है। लेकिन अब स्वामी ने एक बार फिर 2013 के फैसले की समीक्षा की मांग की है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किए थे और फिर से बैलट के माध्यम से वोटिंग की मांग की है। हालांकि चुनाव आयोग ने उनकी मांग को सिरे से खारिज कर दिया।