नीट 2017 को रद्द करने की याचिका के संबंध में मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीएसई को एक नोटिस जारी किया है। जस्टिस आर.महादेवन की की एक वेकेशन बेंच ने एक याचिका पर सीबीएसई को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का आयोजन 7 मई को कई भाषाओं में हुआ था। एक उम्मीदवार की मां याचिका दाखिल करके परीक्षा को रद्द करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि अलग-अलग भाषा में प्रश्नपत्र एक जैसे नहीं थे, जो संविधान के आर्टिकल 14 के तहत छात्रों को मिले समानता के अधिकार का उल्लंघन है। मामले पर 24 मई यानी आज सुनवाई होनी है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि तमिल, इंग्लिश और हिंदी भाषा में नीट का आयोजन हुआ। इंग्लिश के प्रश्नपत्र तो सीबीएसई के पाठ्यक्रम पर आधारित थे लेकिन तमिल का एक सेट राज्य के पाठ्यक्रम पर आधारित था। उन्होंने कहा कि अथॉरिटीज ने नीट परीक्षा देने वाले छात्र से यह कभी नहीं कहा कि अलग-अलग भाषा के प्रश्नपत्र एक जैसे नहीं होंगे और वे अलग-अलग भाषा के लिए अलग-अलग प्रश्नपत्र तैयार करेंगे। उन्होंने NEET का फिर से आयोजन कराने की मांग की है।