15 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप, हंगामे और प्रदर्शन के बाद 5 आरोपी गिरफ्तार

Shri Mi
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भोपाल: मध्य प्रदेश के गुना जिले में 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस वारदात को शुक्रवार को सात लोगों द्वारा अंजाम दिया गया। इसमें दो नाबालिग लड़के भी हैं। पीड़िता की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने पोक्सो (POCSO) की विभिन्न धाराओं के तहत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।NEWS अपडेट के लिए हमारे टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े,यहाँ क्लिक करे।

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पीड़िता को स्थानीय लोगों ने एक सुनसान जगह पर बेहोशी की हालत में पाया। घटना की खबर फैलते ही आक्रोशित ग्रामीणों ने धरना दिया और आरोपियों की गिरफ्तारी व कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार को करीब तीन घंटे तक चाचौड़ा-बीनागंज सड़क जाम कर दिया।

गुना: स्कूल से देर शाम तक नहीं लौटी, फिर मिली बेहोश

सामने आई जानकारी के अनुसार पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, लेकिन पुलिस को अभी तक मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली है। वहीं, 10वीं कक्षा की छात्रा के पिता ने कहा कि उनकी बेटी शुक्रवार को स्कूल गई थी, लेकिन देर शाम घर नहीं लौटी और कुछ घंटे बाद वह एक घर के पीछे बेहोश पड़ी मिली थी। उन्होंने बताया कि होश में आने के बाद बालिका ने अपने साथ सामूहिक बलात्कार की बात बताई। 

दो नाबालिग समेत तीन आरोपी पकड़े गए

पुलिस के अनुसार अभी सात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363 और 366 (ए) और पोक्सो की धारा 11/12 और 16/18 के तहत नाबालिग लड़की का अपहरण करने और यौन संबंध के लिए मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में से दो की पहचान विवेक मीणा और मोहित मीणा के रूप में हुई है। दो नाबालिग आरोपी भी पकड़े गए हैं। वहीं, फरार दो आरोपियों की तलाश जारी है।

विरोध के बाद जिला प्रशासन ने गिरफ्तार तीनों आरोपियों के परिवारों को नोटिस भी जारी किया है और बताया गया है कि यदि उनके घर का निर्माण अवैध पाया गया तो उसे तबाह कर दिया जाएगा। चाछोड़ा से कांग्रेस विधायक, लक्ष्मण सिंह प्रदर्शन में भाग लेने वालों में शामिल रहे। इन्होंने दावा किया कि पीड़िता ने सात लोगों का नाम लिया है लेकिन पुलिस ने केवल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सिंह ने यह भी दावा किया कि पीड़िता को नशा दिया गया था और वह काफी देर तक बेहोश रही। भाजपा की पूर्व विधायक ममता मीणा ने भी प्रदर्शन में भाग लिया, जिसे प्रशासन के आश्वासन के बाद लगभग तीन घंटे के बाद खत्म कर दिया गया।

इस दौरान शहर की कई महिलाएं व युवतियां स्थानीय एसडीएम कार्यालय पहुंचीं और आरोपियों की संपत्तियों को गिराने की मांग की। पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी घटना की निंदा करते हुए मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए और राज्य सरकार पर निशाना साधा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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