रायपुर।शासन के अनेकों आदेश के बावजूद भी शिक्षा विभाग में जुगाड़ से अटैचमेंट की दुकान अन्य जगहों की तरह बलौदाबाजार जिले के भाटापारा ब्लाक में जोरो से फल फूल रही है। दरअसल अटैचमेंट की दुकान में केवल शिक्षकों का मंसूबा हो,ऐसा नही है बल्कि शिक्षा में सुधार के नाम पर व्यवस्था से खेल अधिकारियों की मिलीभगत से खेला जा रहा है। शिक्षकों की कमी के नाम पर अटैचमेंट की न्यूनतम दस हजारी वार्षिक कुर्सी बडी आसानी से मिल रही है जो गांवों से शहर के स्कूलों में पलायन से बड़ी समस्या है बन गई है। जिसमे मूल शाला में सरकार द्वारा पदांकन किये गए टीचर अपने मनमानी स्कूल में पहुँच जाते है और गावो में टीचरों की कमी यथावत बनी रहती है।कई शिक्षक बीईओ, तहसील, जनपद ,नगरपालिक , योजना के साथ जिले कार्यो में सालो से अटैच बताये जाते है।बीईओ के आफिस में ही केवल दर्जन भर से ज्यादा लोग व्यवस्था में काम कर रहे है।
शिक्षको की व्यवस्था के नाम पर शासन से ट्रांसफर पर बैन होने के बाद भी अदला बदली जिले में धड़ल्ले से जारी है। इसके पीछे की मंशा जग जाहिर है कि शिक्षा में सुधार का कारोबार चल रहा है । जिले में शिक्षकों की कमी वाली जगह पर शिक्षक व्यवस्था की जाती है, वर्तमान में विभिन्न जगहों पर आत्मानंद स्कूलों में शिक्षक व्यवस्था की गई और कस्तूरबा विद्यालयों में हाईस्कूल अपग्रेड होने से व्यवस्था में महिला शिक्षकों को सहमति के आधार पर अध्यापन कार्य के लिए लगाया जा रहा है।बलौदाबाजार के जिला शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव का कहना है कि जिले में सभी कार्य नियमानुसार हो रहे है।भाटापारा में एक ही स्कूल से बीआरसी और समन्वयक बनाए जाने की जानकारी मुझे नही है,अगर ऐसा है तो इसकी जानकारी बुलाकर त्रुटि सुधार किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी नियमो के पालन को लेकर रटाई बाते करे पर सच्चाई यही है कि जिला और ब्लाक दोनो ही स्तरों से रोज की व्यवस्था के नाम मनचाही जगहों पर संलग्नीकरण के आदेश जारी हो रहा है ,जिसमे न तो डीईओ और न ही किसी बीईओ ने जिला कलेक्टर के अनुमोदन कराया है। बैक डोर से धड़ल्ले से आदेश जारी किए जा रहे है।जबकि नियम यह भी कहता है कि समस्त व्यवस्था आदेशों पर नियमानुसार अनुमोदन जरूरी है। शिक्षकीय कार्य के अलावा शिक्षकों को अन्य कार्यालय मे संलग्न नहीं किए जाने का शासन निर्देश है,जिसका पालन समस्त बीईओ को करवाना है।
भाटापारा के बीईओ के के यदु से बातचीत में स्वीकार किया कि :- शिक्षक व्यवस्था पर शासन का आदेश नही है,बहुत जरूरी होने पर शिक्षकीय कार्य के लिए अतिशेष के आधार पर नियम अनुसार जिला स्तर से अनुमोदन से रिक्त जगहों पर व्यवस्था की जाती है,चुकि मैं अभी यहाँ नया हु, जो भी कमियां है उसमें जल्दी सुधार कर दिया जाएगा।ऑफिस में संलग्न कर्मी मेरे पहले से ही है,जल्द सभी को मूल स्कूलों में भेजा जाएगा। ब्लॉक स्तर पर व्यवस्था में अन्यत्र पदस्थ सभी शिक्षकों को मूल शाला में वापसी के लिए आदेश जारी किया गया है।मेरे द्वारा शिक्षक व्यवस्था आदेश महज दो चार बेहद जरूरी मामलो में संकुल समन्वयकों की सहमति व प्रस्ताव से किये गए हैं।