बस्तर की बेटी को मिली धमकी पर बिफरे केदार,क्या उदयपुर दोहराने की राह देख रही है सरकार

Shri Mi
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रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने उदयपुर की तर्ज पर दुर्ग जिले के कुम्हारी निवासी एक युवक को अज्ञात लोगों से जान से मारने की धमकी मिलने के साथ ही बस्तर के गीदम की बेटी निहारिका को मिल रही धमकियों पर मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को बचाने वे क्या कर रहे हैं? उन्होंने पूछा है कि कहीं कांग्रेस की राजस्थान सरकार की तरह लापरवाही बरतने का इरादा तो नहीं है?

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भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले के युवक को यह धमकी नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद मिली है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि इसी तरह बस्तर के गीदम की निहारिका को धमकाया जा रहा है कि अब उनकी बारी है। निहारिका ने उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या की निंदा की तो क्या यह ऐसा अपराध है कि उन्हें जान की धमकी दी जा रही है। ऐसी ही धमकी राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल को मिली थी। उन्होंने सुरक्षा मांगी थी। कांग्रेस की सरकार ने लापरवाही बरती और आखिरकार आतंकियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया। यह कांग्रेस के पतन और तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार इसी नीति पर चल रही है। कवर्धा में सनातनी ध्वज का अपमान करने वालों, सरेआम शस्त्र प्रदर्शन करने वालों, मारकाट करने वालों को संरक्षण दिया गया और सनातन संस्कृति के ध्वज वाहकों को झूठे आरोप में जेल भेजा गया।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिन नीतियों पर चल रहे हैं, उनके कारण छत्तीसगढ़ में सनातन धर्मियों में असुरक्षा की भावना घर कर गई है। आदिवासी समाज का भी शोषण किया जा रहा है। धर्मांतरण को सुनियोजित तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे मामले दबाये जा रहे हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि वैसे भी कांग्रेस अराजकता फैला रही है। कोई भी सामान्य व्यक्ति भूपेश बघेल के राज में सुरक्षित नहीं है। यदि छत्तीसगढ़ महतारी की संतानों के साथ कुछ अनर्थ हुआ तो इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार जिम्मेदार होगी। श्री कश्यप ने निहारिका और उनके परिवार को पूरी सुरक्षा देने की मांग की है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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