बिलासपुर-आदर्श किड्जी संचालक उत्तम वलके की गिरफ्तारी के बाद आज पत्नी सुमन वलके ने पत्रकारों के साथ बातचीत की। सुमन वलके ने बताया कि हमें बिलासपुर पुलिस और न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। पति उत्तम वलके को न्याय मिलेगा। क्योंकि बच्चों के अभिभावकों का हमें पूरा समर्थन है। पुलिस और न्याय व्यवस्था अपना काम कर रही है। मेरी भी बातों को सब तक पहुंचाया जाए इसलिए पत्रकारों से रूबरू हुई हूं। सुमन वलके ने बताया कि मेरे संस्था और पति के साथ साजिश हुई है। मै अपनी बातों को पत्रकारों के सामने रखकर जनता तक पहुंचाना चाहती हूं।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall
सुमन वलके ने पत्रकारों को बताया कि सारा मामला फीस को लेकर है। आरोप लगाने वाले परिजन ने कहा कि उनका बच्चा जबलपुर किड्जी में पढ़ता था। ट्रांसफर के बाद बिलासपुर आया। बच्चे का एडमिशन किड्जी में करवाना चाहता हूं। लेकिन उन्होने फीस देने से इंकार कर दिया। पैरेन्टस ने कहा कि बार बार एक ही संस्था में फीस नहीं दूंगा। इसलिए उनके बच्चे का एडमिशन फीस माफ किया जाए। बावजूद इसके उन्होने बच्चा का एडमिशन कराया। हमें भी अच्छा लगा। लेकिन हमने स्पष्ट किया कि फीस से समझौता नहीं होगा।
सुमन वलके ने कहा कि पैरेन्टस पहली बार हमारी संस्था में 14 जुलाई को आए। 2 अगस्त को एडमिशन कराया। स्टाफ पर बार बार फीस माफ करने के लिए दबाव बनाया। बच्चे को स्कूल छोड़ने जब भी आते फीस की ही बातें करते। एडमिशन के बाद बच्चा कुछ दिन स्कूल आया। इसके बाद सीधे 22 अगस्त को एन्ट्री हुई। 23 अगस्त को बच्चे के माता पिता दोनो स्कूल आए। उन्होने एक बार फिर कहा कि फीस माफ करो। साथ ही शिकायत की कि बच्चे का किसी सर ने किस लिया है। जिसके कारण उसके गाल और होंठ कट गए हैं। बाद में उन्होने बाद आरोप से इंकार किया। लेकिन फीस माफ नहीं करने पर सैक्सूअल हरासमेन्ट की धमकी दी। इस दौरान उन्होने गाली गलौच देने के बाद बच्चे का नाम काटने को भी कहा।
28 अगस्त को एक बार फिर उन्होने स्कूल में बच्चों के सामने गाली गलौच कर एक लाख रूपए की मांग की। बच्चे को छोड़कर घर चले गए। स्कूल से छूटने के बाद माता पिता बच्चे को लेकर घर चले गए। शाम को पुलिस का फोन आया। शिकायत की बात सुनकर पति के साथ सिविल लाइन थाना गयी। उन्होने बताया कि उनके खिलाफ सैक्सुअल हरासमेन्ट की शिकायत है। 24 घंटे बाद एफआईआर दर्ज किया गया। बच्चे की काउन्सलिंग हुई। पति का मुलायजा भी हुआ। लेकिन अभी तक मेरा पति घर नहीं लौटा।
पत्रकार वार्ता में फफकते हुए कहा मुझे न्याय चाहिए
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुमन ने कहा कि मुझे न्याय चाहिए। पत्रकारों के सामने अपनी बातों को रखकर हल्का महसूस कर रही हूं। मेरा एक दो साल का बच्चा खत्म हो चुका है। दूसरा बच्चा अपने पिता को रात दिन याद करता है। मेरी गुहार है कि जल्द से जल्द न्याय मिले। मैं बहुत परेशान हूं। रोते हुए सुमन ने कहा कि मेरी संस्था को सोची समझी रणनीति के तहत बदनाम किया जा रहा है। जबकि पैरेन्टस की शिकायत पर मुम्बई किडजी कार्यालय से निरीक्षक आए थे। जांच पड़ताल के बाद उन्होने आरोप को गलत बताया। बावजूद इसके मुझे पैरेन्टस की तरफ से परेशान किया जा रहा है। मैने उन्हे आज भी पत्रकारों के सामने आने को कहा। लेकिन उन्होने इंकार कर दिया है। सुमन रोते हुए कहा कि इस घिनौने आरोप को मैं बर्दास्त करने की शक्ति नहीं है। मेरी आवाज को भी जनता तक पहुंचा दीजिए। हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास है लेकिन जनता की नजरों में हमें गलत साबित किया जा रहा है। जनता तक हमारी बातों को भी पहुंचाएं।
किड्जी संचालक पर है अपराध दर्ज–
सिविल लाइन पुलिस ने महिला की शिकायत पर 28 अगस्त की देर शाम मामला दर्ज कर आदर्श किडजी स्कूल प्रिसिंपल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। 24 घंटे बाद 29 अगस्त को काउंसिलिंग के बाद प्रिसिंपल उत्तम वलके के खिलाफ धारा 354 क(1),9(च),10 के तहत मामला दर्ज किया गया। मामला अभी कोर्ट में है। सुनवाई हो रही है।
पत्रकार वार्तों में पहुंचे अभिभावक
इस दौरान किड्जी में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने भी अपनी बातों को रखा। पेशे से एडव्होकेट कुमारेश तिवारी ने कहा कि उत्तम वलके के मामले में कुछ ज्यादा ही जल्दबा्जी की गयी है। फिर मामला कोर्ट तक पहुंच गया। यदि जांच पड़ताल के बाद गिऱफ्तारी होती तो इतनी तकलीफ नहीं होती। हमें संस्था और संचालक दोनों के व्यवहार को लेकर कोई शिकायत नहीं है। मेरी बच्ची यहां साढ़े तीन साल से पढती है।नेहा तिवारी ने बताया कि उनका पति न्यूयार्क रहते हैं। मै दिल्ली में रहती हूं। मेरी बच्ची भी यहां आती है। नयी सदस्य होने के बाद भी उसके साथ पारिवारिक व्यवहार होता है। इसलिए आरोप में सच्चाई कम बदले की भावना ज्यादा नजर आती है। इस दौरान अन्य अभिभावकों ने भी अपनी बातों को साझा किया।
वाद विवाद की स्थिति
पत्रकार वार्ता के दौरान कुछ अभिभावकों ने आरोप लगाने वाले अभिभावक नहीं बुलाए जाने का आरोप लगाया। अभिभावकों ने कहा कि उन्हें भी अपनी बातों को रखने का अधिकार है। बाद में अभिभावकों ने कहा कि हमें नहीं मालूम था कि पत्रकार वार्ता है। फिर भी आरोप लगाने वालों को भी यहां होना चाहिए था।